मौसम डेटा स्रोत: रायपुर मौसम
nationalTop News

झारखंड के गढ़वा में मंकीपॉक्स का संदिग्ध केस, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

केरल, दिल्ली, तेलंगाना और बिहार के बाद झारखंड के गढ़वा में भी मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज पाया गया है। गढ़वा शहर के टंडवा मुहल्ले में ग्यारह साल की एक बच्ची में इसके लक्षण पाये जाने के बाद उसे इलाज के लिए स्थानीय सदर अस्पताल में दाखिल कराया गया है।

फोटो: IANS
user

Engagement: 0

केरल, दिल्ली, तेलंगाना और बिहार के बाद झारखंड के गढ़वा में भी मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज पाया गया है। गढ़वा शहर के टंडवा मुहल्ले में ग्यारह साल की एक बच्ची में इसके लक्षण पाये जाने के बाद उसे इलाज के लिए स्थानीय सदर अस्पताल में दाखिल कराया गया है। हॉस्पिटल के नॉन कम्युनिकेबल डिजिज सेंटर के आइसोलेशन वार्ड में उसका इलाज किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग बच्ची का सैंपल लेकर उसे जांच के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजने की तैयारी कर रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज मिलने के बाद सभी जिलों के उपायुक्तों और सिविल सर्जन को अलर्ट कर दिया है।

झारखंड के गढ़वा में मंकीपॉक्स का संदिग्ध केस, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि बच्ची में बुखार और शरीर में फफोले जैसे लक्षण पाये गये हैं। अभी उसे मंकीपॉक्स का मरीज नहीं माना जा रहा है, लेकिन मिलते-जुलते लक्षणों की वजह से उसका सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा जायेगा। रांची स्थित रिम्स में भी सैंपल की प्रारंभिक जांच की जायेगी।

गढ़वा के जिला महामारी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि संदिग्ध लक्षणों वाली बच्ची पर विभाग की सर्विलांस टीम की निगाह है। उसके पोलिमरेज चेन रिएक्शन, ब्लड टेस्ट, सीरम टेस्म और फफोले के इर्द गिर्द की परत के नमूने निदेर्शानुसार लिये जा रहे हैं। बच्ची की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। इस वजह से आशंका यह भी है कि यह बारिश के दिनों में होनेवाला इन्फेक्शन हो सकता है।

इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स की आशंकाओं के मद्देनजर सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में पांच-पांच आइसोलेशन बेड सुरक्षित करने का निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि हॉस्पिटल्स के ओपीडी में भी संदिग्ध मरीज मिल सकते हैं। ऐसी कोई भी जानकारी मिलने पर जिला सर्विलांस पदाधिकारी को सूचना दी जाये। यदि किसी संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट जांच में पॉजिटिव आती है तो उसके पिछले 21 दिनों के सभी संपर्कों की अनिवार्य रूप से पहचान की जानी चाहिए।

आईएएनएस के इनपुट के साथ


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button