घरेलु बिजली उपभोक्ताओं को लोड बढ़ाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने से मिली मुक्ति
रायपुर(realtimes) अब किसी भी उपभोक्ता को अपने घरेलु कनेक्शन का लोड बढ़ाने के लिए बिजली दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। इसी के साथ अब किसी भी तरह के आवेदन और दस्तावेज भी नहीं देने की पड़ेंगे। लोड बढ़ने पर पॉवर कंपनी खुद से ही बिजली बिल में शुल्क जोड़कर इसको अपग्रेड करने का काम कर रही है। प्रदेश भर के 50 लाख से ज्यादा घरेलु बिजली उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर यह बड़ी राहत मिली है।
बिजली के घरेलु उपभोक्ताओं को अपने एक किलो वॉट के कनेक्शन में लोड बढ़ाने के लिए तक भारी मशक्कत का सामना करना पड़ता था। इसके लिए जो प्रक्रिया थी, वह इतनी ज्यादा जटिल थी कि इसको पूरा करवाने में उपभोक्ता का पसीना छूट जाता था। इसी के साथ बहुत ज्यादा कागजी खानापूर्ति की भी जरूरत पड़ती थी। इसी के साथ पैसे भी ज्यादा लगते थे। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंचाने पर उन्होंने इस प्रक्रिया को सरल बनाने कहा और साफ शब्दों में यह भी कहा कि उपभोक्ता से बिना कोई कागज लिए, इसको सीधे तौर पर ऑनलाइन जैसा किया जाए। इसके बाद पॉवर कंपनी ने इसको पूरी तरह से सरल बना दिया है।
बिना आवेदन ही अब काम
नई व्यवस्था में अब किसी भी उपभोक्ता को अपना लोड बढ़ाने के लिए आवेदन देने की जरूर ही नहीं है। इसी के साथ अब जिस घर में बिजली कनेक्शन है, उसके कागजात, संपत्ति कर की रसीद सहित अन्य खानापूर्ति की भी जरूरत नहीं। इसी के साथ जो दो सौ रुपए का प्रोसेसिंग शुल्क लगता है, वह भी नहीं लग रहा है। पॉवर कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक अब किसी भी उपभोक्ता का लोड अगर एक किलो वॉट के स्थान पर दो किलो वॉट हो जाता है तो उसके बिल में एक किलो वॉट का शुल्क आठ सौ रुपए और 18 फीसदी जीएसटी के 144 रुपए मिलाकर 944 रुपए जोड़कर भेज दिए जाते हैं। इसी के साथ बिजली बिल में एक किलो वॉट के स्थान पर लोड दो किलो वॉट लिखकर आने लग जाता है। इसमें यह देखा जाता है कि अगर लगातार तीन माह तक लोड ज्यादा होता है, तभी लोड बढ़ाने का काम किया जाता है।
अब पांच किलो वॉट तक उपयोग
घरेलु बिजली कनेक्शनों में अब तक तीन किलो वॉट तक का ही उपयोग होते रहा है, लेकिन इस साल से बिजली नियामक आयोग की मंजूरी से इसको पांच किलो वॉट तक कर दिया गया है। घरेलु उपभोक्ता जरूरत के हिसाब से एक से तीन किलो वॉट तक का कनेक्शन लेते हैं। अगर किसी के पास एक किलो वॉट का कनेक्शन है तो वह इसको पांच किलो वॉट तक बढ़ा सकता है। यही नहीं इससे ज्यादा खपत होने पर भी फर्क नहीं पड़ेगा और कनेक्शन को एक फेस के स्थान पर थ्री फेस का कर दिया जाएगा। जितना लोड होगा, उसके हिसाब से शुल्क सीधे बिजली बिल में जुड़कर आ जाएगा।