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भारत दुनिया के साथ आगे बढ़ना चाहता है: विदेश मंत्री

ब्रिसबेन: विदेश मंत्री एस.जयशंकर दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में आज ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत विकास के पथ पर अग्रसर है और दुनिया के साथ आगे बढ़ना चाहता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया के देशों में भारत के साथ काम करने की सदिच्छा और भावना है। 

 

सिंगापुर का भी करेंगे दौरा

जयशंकर दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में ब्रिसबेन पहुंचे हैं। वह सिंगापुर भी जायेंगे। ब्रिसबेन पहुंचने पर उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘नमस्ते ऑस्ट्रेलिया! आज ब्रिसबेन पहुंच गया हूं। भारत-ऑस्ट्रेलिया मित्रता को आगे बढ़ाने के लिए अगले कुछ दिनों में सकारात्मक बातचीत की उम्मीद है।’’ यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत बढ़ेगा। भारत बढ़ रहा है और भारत दुनिया के साथ बढ़ना चाहता है।’’ 

 

हम आशावादी हैं

उन्होंने कहा कि जब भारत विश्व की ओर देखता है तो उसे अवसर नजर आते हैं। जयशंकर ने कहा, ‘‘हम आशावादी हैं। कुछ समस्याएं हो सकती हैं लेकिन कुल मिलाकर, हमें लगता है कि दुनिया में भारत के साथ काम करने की सदिच्छा और भावना है। हम दुनियाभर में भारत की सफलता के लिए एक भावना देखते हैं।’’ उन्होंने कहा कि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग के अनेक मौके हैं। 

 

वैश्विक कार्यबल की आवश्यकता 

उन्होंने कहा, ‘‘आज विदेशों में भारतीयों की छवि, बेहतर तौर पर शिक्षित, व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार, कार्यनीत की छवि है। मुझे लगता है कि आज इन सभी का संयोजन हमें वैश्विक कार्यस्थल में बहुत ही आकर्षक बनाता है। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि उस ब्रांड को विकसित किया जाए, उन कौशलों को पोषित किया जाए।’उन्होंने कहा, ‘फिर मैं इस बात पर जोर देता हूं कि आप जानते हैं कि यह युग एआई, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, चिप का है और इसके लिए वैश्विक कार्यबल की आवश्यकता होगी।’’ 

 

जयशंकर का कार्यक्रम

अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के चौथे वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। 

वह कैनबरा में अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ 15वें विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता (एफएमएफडी) की सह-अध्यक्षता भी करेंगे। 

वह ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन में आयोजित होने वाले द्वितीय ‘रायसीना डाउन अंडर’ के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देंगे। 

ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व, सांसदों, व्यापारिक समुदाय, मीडिया और प्रबुद्ध वर्ग के साथ भी बातचीत करने का कार्यक्रम है।

 

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