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पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 14 उत्पादों की बिक्री पर रोक

नई दिल्ली: पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने अपने 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी है, जिनके मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस इस साल अप्रैल में उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा निलंबित कर दिए गए थे। कंपनी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी।

मुख्य बिंदु:

  1. लाइसेंस निलंबन और उत्पादों की वापसी:
    पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत हलफनामे में कहा कि उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा निलंबन के बाद, इन 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी गई है। साथ ही, मीडिया प्लेटफार्मों को इन उत्पादों के सभी विज्ञापन वापस लेने का निर्देश दिया गया है।
  2. सुप्रीम कोर्ट का निर्देश:
    शीर्ष अदालत ने पतंजलि को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह बताया जाएगा कि क्या सोशल मीडिया मंचों से विज्ञापन हटाने के अनुरोध को स्वीकार किया गया है और क्या इन 14 उत्पादों के विज्ञापन वापस लिए गए हैं।
  3. आईएमए की माफीनामा:
    भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के अध्यक्ष ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफीनामा जारी किया है, जिसे आईएमए की मासिक पत्रिका और वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को निर्धारित की है।
  4. पतंजलि के खिलाफ आरोप:
    आईएमए ने याचिका में पतंजलि पर कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ गलत अभियान चलाने का आरोप लगाया है। पिछले सुनवाई में उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं।
  5. अवमानना नोटिस:
    14 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में स्वामी रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को जारी अवमानना नोटिस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

प्रभावित उत्पादों की सूची:

  1. पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप
  2. आईग्रिट गोल्ड
  3. लिवामृत एडवांस
  4. लिवोग्रिट
  5. श्वासारि गोल्ड
  6. श्वासारि वटी
  7. श्वासारि प्रवाही
  8. श्वासारि अवलेह
  9. ब्रोंकोम
  10. मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर
  11. लिपिडोम
  12. बीपी ग्रिट
  13. मधुग्रिट
  14. मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर

इस खबर ने स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी चर्चा को जन्म दिया है। लोगों की नजर अब आगामी सुनवाई पर है, जिससे यह तय होगा कि इन उत्पादों की वापसी और विज्ञापन निलंबन पर क्या अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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