मौसम डेटा स्रोत: रायपुर मौसम
business

Interim Budget 2024-24: चुनावी साल में राजकोषीय घाटा कम करने के साथ पूंजीगत व्यय पर जारी रहेगा सरकार का फोकस

Interim Budget 2024-24: केंद्र सरकार की ओर से अगले महीने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया जाएगा। यह छठी बार होगा, जब वित्तमंत्री रहते हुए निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। इस बार लोकसभा चुनाव की वजह से यूनियन बजट (Union Budget) की जगह पर अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश किया जाएगा। हालाँकि सरकार ने पहले ही साफ कर दिया कि वह अंतरिम बजट में भी वोट ऑन अकाउंट (Vote On Account) पेश करेंगी। जिसे एक तरह से अस्थायी बजट माना जाता है।

इस अंतरिम बजट में सरकार अर्थशास्त्रियों पर एक सर्वे के अनुसार पूंजीगत खर्च को उच्च स्तर पर उठाने के बावजूद सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में कम घाटे का लक्ष्य रखेगी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बुनियादी ढांचे में निवेश की प्राथमिकता बनी रहेगी। तीसरी बार सत्ता में आने की आस लगाए बैठी NDA सरकार अंतरिम बजट में लोकलुभावन घोषणा कर सकती हैं। अर्थशास्त्रियों के सर्वे से पता चलता हैं कि सरकार मुख्यत: इन चार कार्यों को प्राथमिकता पर देगी।

राजकोषीय घाटे को 4.5% तक लाने का लक्ष्य

सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंत तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.50% तक सीमित करने का टारगेट लेकर चल रही है, जो इस मार्च 2024 के अंत तक 5.90% है। 41 अर्थशास्त्रियों पर किए गए सर्वे से पता चलता हैं कि बजट में 2024-25 में GDP के प्रतिशत के रूप में राजकोषीय घाटे को 5.30% तक घटाने का लक्ष्य जाएगा।

अगले वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय 15% बढ़ने का अनुमान

ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के प्रमुख अर्थशास्त्री एलेक्जेंड्रा हरमन(Alexandra Herman) का मानना हैं कि आने वाले वर्षों में खर्च में और भी कटौती की संभावना है। पूंजीगत व्यय पहले ही इस वर्ष 33% से बढ़कर 10 ट्रिलियन रुपये हो गया है और निजी क्षेत्र में निवेश वृद्धि की उम्मीद के साथ अगले वित्तीय वर्ष में 15% बढ़कर 11.50 ट्रिलियन रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

सरकार शिक्षा पर खर्च को दे सकती है अधिक प्राथमिकता

हरमन कहते है कि भारत की विशाल जनंसख्या का लाभ उठाने और मध्यम से लंबी अवधि में लगातार सतत और समावेशी विकास सुद्ढ़ करने के लिए मानव रिसोर्स (Human Resources) में सुधार करने की जरूरत होगी, यही वजह है कि शिक्षा पर व्यय सरकार की प्रमुख प्राथमिकता (Priority) होनी चाहिए।

बुनियादी निवेश पर बना रहेगा सरकार का जोर

सभी 41 अर्थशास्त्रियों में से 34 का मानना हैं कि बुनियादी ढांचा निवेश (Investment) सरकार की प्राथमिकता होगी। इसके अलावा ग्रामीण विकास पर 17 और रोजगार सृजन (employment generation) को 16 अर्थशास्त्रियों ने उच्च प्राथिमकता का क्षेत्र बताया। घाटे से उभारने के लिए कल्याणकारी योजनाओं में अधिक इजाफे की उम्मीद कम है।

यह भी पढ़ें- GROWW ऐप बंद होने पर यूजर्स ने सोशल मीडिया जमकर जताया रोष, कंपनी दी यह प्रतिक्रिया, जानें

Related Articles

Back to top button