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बिजली मीटर रीडराें काे बड़ी राहत, अब सबकाे मिलेंगे हर माह 12 हजार रुपए

रायपुर. छत्तीसगढ़ में बिजली के मीटर की रीडिंग करने वालाें काे महज 72 से 75 साै रुपए मिल रहे हैं, ऐसे में इनके लिए घर परिवार चलाना मुश्किल हाे रहा है। इनकी परेशानी काे देखते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सभी काे अब एक बराबर 12 हजार रुपए मिले इसकी व्यवस्था कर दी है। 

यही वजह है कि अब प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के मीटरों की रीडिंग का शुल्क छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी ने बढ़ा दिया है। तीन से साढ़े चार रुपए तक का शुल्क प्रति मीटर पर बढ़ाने से अब शहर से लेकर नक्सल क्षेत्र के रीडरों को हर माह 12 हजार रुपए मिल सकेंगे। इसके पहले इनको 72 से 75 सौ रुपए मिलते थे। अब सभी को समान रूप से हर माह पैसे मिलेंगे। इस बढ़े शुल्क के कारण पावर कंपनी को हर माह करीब डेढ़ करोड़ रुपए का ज्यादा झटका लगेगा। यह शुल्क उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाएगा। पहले भी उपभोक्ताओं से शुल्क नहीं लिया जाता है।
पूरे प्रदेश में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के मीटरों की स्पाॅट फोटो रीडिंग हो रही है। पहले साधारण स्पॉट रीडिंग होती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों से अब स्मार्ट मोबाइल से फोटो वाली रीडिंग हाे रही है। इसमें रीडरों को मीटर की फोटो भी खींचनी होती है ताकि रीडिंग में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो सके। फोटो रीडिंग के कारण ही रीडिंग का शुल्क ज्यादा है। इस समय रीडिंग का काम ठेके पर न होकर अलग-अलग बेरोजगार युवकों को काम देकर रीडिंग कराई जा रही है।
अब शुल्क 8 से 12 रुपए
अब तक रीडिंग के लिए शहरी क्षेत्र में पांच रुपए प्रति रीडिंग के दिए जाते हैं। इसमें एक शर्त यह भी किसी भी रीडर को एक माह में 15 सौ से ज्यादा मीटरों की रीडिंग नहीं दी जाती है। ऐसे में एक रीडर को साढ़े सात हजार रुपए ही मिल पाते हैं। लेकिन अब अक्टूबर माह से इसका शुल्क आठ रुपए प्रति मीटर कर दिया गया है। ऐसे में एक रीडर को 12 हजार रुपए एक माह के मिलेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में 6 रुपए प्रति मीटर के दिए जाते हैं। यहां पर एक माह में 12 सौ मीटरों की रीडिंग का काम दिया जाता है। यहां के रीडरों को 72 सौ रुपए एक माह में मिलते हैं। लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्र का शुल्क दस रुपए प्रति मीटर कर दिया गया है। यानी गांवों के रीडरों को भी हर माह 12 हजार रुपए मिलेंगे। नक्सल क्षेत्र में ज्यादा जोखिम होने के कारण यहां के रीडरों को साढ़े सात रुपए दिए जाते हैं। इसको एक माह में हजार मीटरों की रीडिंग का काम करना पड़ता है। इनको एक माह में साढ़े सात हजार मिलते हैं। इनका शुल्क अब 12 रुपए प्रति मीटर कर दिया गया है। इनको भी अब 12 हजार रुपए हर माह मिलेंगे।
अब होगा ज्यादा खर्च
प्रदेश में करीब 46 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। इनके मीटरों की ही स्पॉट रीडिंग होती है। अब तक इस पर औसत छह रुपए के हिसाब से करीब पौने तीन करोड़ रुपए हर माह लगते हैं। लेकिन अब शुल्क बढ़ने के बाद एक अनुमान के मुताबिक औसतन 9 रुपए के हिसाब से सवा चार करोड़ रुपए हर माह लगेंगे। ऐसे में हर माह करीब डेढ़ करोड़ ज्यादा पावर कंपनी काे खर्च करने पड़ेंगे।

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