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केंद्र सरकार ने थाेपी ऐसी भयावह महंगाई, खाने में ही खर्च हाे रही है पूरी कमाई

रायपुर(realtimes) महंगाई है कि थमने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र सरकार इसकी राेक थाम के लिए भी कुछ नहीं कर रही है। आम इंसान का जीना मुश्किल हाे गया है, मध्यम वर्ग के साथ गरीबाें की पूरी कमाई ही खाने पर खर्च हाे रही है। ऐसा कोई सामान नहीं है जो महंगा नहीं हो रहा है। बाजार में जिस भी सामान को देखो भाव खा रहा है। इतिहास में पहली बार जीरा थोक में जहां 660 रुपए हो गया है, वहीं चिल्हर में यह 700 रुपए तक चला गया है। इसकी कीमत हमेशा 160 से 180 रुपए के आपस-पास रही है। अब कीमत चार गुना हो गई है। राहर दाल की कीमत लगातार आसमान पर जा रही है। इस समय इसकी कीमत 160 रुपए हो गई है। सब्जियों ने ऐसा ताव दिखाया है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। कहने को टमाटर की कीमत सौ रुपए हो गई है, लेकिन दूसरी सब्जियों के भाव इससे ज्यादा हैं। धनिया 200 सौ रुपए, अदरक 240 रुपए, परवल 150 रुपए, हरी मिर्च 100 रुपए किलो बिक रही है। एक सज्जन सब्जी मात्र कद्दू है जिसकी कीमत हमेशा की तरह महज 20 रुपए किलो हभीषड़ गर्मी से राहत के लिए लोगों को मानसून का इंतजार था, मानसून आया तो अपने साथ महज बारिश की मुसीबत नहीं लाया है, बल्कि महंगाई की भी आफत साथ लेकर आया है। वैसे मानसून से पहले जो बेमौसम की बारिश हुई उसने कई फसलों को ऐसा चौपट किया है कि उनके दाम आसमान पर चले गए हैं। आज बाजार में जाएं और कोई भी सामान पूछें तो पता चलता है कि एक ही दिन में कीमत बढ़ गई है। आम आदमी को आश्चर्य हो रहा है कि आखिर महंगाई किस तरह से बेलगाम होती जा रही है।
सब्जियों के रूलाने वाले दाम
सबसे ज्यादा इस समय सब्जियों के दाम रूलाने वाले हैं। मानसून के बाद से सब्जियों के दाम दो से पांच गुना तक बढ़े हैं। जो टमाटर 15 से 20 रुपए किलो में बिक रहा था, वह अब 100 रुपए हो गया। पहले टमाटर की कीमत 40 फिर 60 और 80 और अब 100 रुपए हो गई है। यानी टमाटर की कीमत पांच गुना बढ़ गई है। इसी तरह से हरा धनिया जो कुछ समय पहले 15 से 20 रुपए एक पॉव और 50 रुपए किलो में मिल रहा था, वह अब 50 रुपए पॉव और 200 रुपए किलो हो गया है। यानी कीमत हो गई चार गुना। अदरक की कीमत 30 रुपए पॉव से डबल होकर 60 रुपए पॉव हो गई है। परवल जैसे सब्जी की कीमत 40 रुपए पॉव और 150 रुपए किलो है। करेला 80 से 100 रुपए किलो हो गया है। मूली की कीमत 60 रुपए किलो हो गई है। कुदरू और भिंडी की कीमत 60 रुपए किलो पहुंच गई है। कोचई की कीमत जरूर 100 रुपए से घटकर 60 रुपए हुई है। हरी मिर्च जो पहले 15 पॉव थी, वह अब 25 रुपए पॉव हो गई है। फूल गोभी 80 रुपए, पत्ता गोभी 60 रुपए किलो है।
सबसे सज्जन सब्जी कद्दू, कीमत 20 रुपए
सब्जियों में अगर कोई सज्जन सब्जी है तो वह है कद्दू। इसकी कीमत कभी भाव नहीं खाती है, कभी भाव खाती भी है तो ज्यादा नहीं खाती है। कद्दू हमेशा से 20 रुपए किलो के आस-पास ही रहता है। इस समय भी कीमत 20 रुपए किलो है। दूसरे नंबर की सज्जन सब्जी लौकी है। इसकी कीमत भी ज्यादा नहीं बढ़ती है, ज्यादा हो गया तो कीमत 40 रुपए तक जाती है, नहीं तो 10 से 20 रुपए किलो ही रहती है। इस समय कीमत 20 रुपए किलो है।
दालाें में महंगाई का उबाल
देश में पिछले कुछ सालों से लगातार राहर दाल का उत्पादन कम होते जा रहा है। तीन साल पहले 2021 में राहर दाल का उत्पादन 42 लाख टन था। यह पिछले साल घटकर 34 लाख टन हो गया। इस साल इसका उत्पादन 29.5 लाख टन हो गया है। इस बार बेमौसम बारिश के कारण भी फसल खराब हुई है। यही वजह है कि कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। राहर दाल की कीमत तीन माह में 50 तक बढ़ गई है। वैसे इस साल की बात करें तो कीमत में 60 रुपए का इजाफा हुआ है। साल के प्रारंभ में कीमत सौ रुपए थी, लेकिन इसके बाद फरवरी से लगातार कीमत बढ़ रही है। इस समय चिल्हर में अच्छी दाल 160 और थोक में 140 से 145 रुपए है। अन्य दालों की बात करें तो चना दाल ही इस समय थोक में 60 से 65 और चिल्हर में 70 से 75 रुपए है। उड़द दाल थोक में 90 से 100 और चिल्हर में 100 से 110 रुपए हैं। उड़द दाल धुली थोक में 110 से 115 और चिल्हर में 120 से 130 रुपए है। मूंग दाल थोक में 100 से 110 और चिल्हर में 120 से 130 रुपए है। काबुली चना भी बढ़ गया है। थोक में यह 125 से 130 और चिल्हर में 140 से 150 रुपए बिक रहा है।

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