एनटीपीसी की महंगी बिजली से पावर कंपनी की आफत, अपनी सस्ती बिजली से उपभोक्ताओं काे राहत

रायपुर. विदेशी कोयले के कारण एक तरफ एनटीपीसी से ली जाने वाली बिजली लगातार महंगी मिल रही है। इसके कारण पावर कंपनी पर ज्यादा भार आ रहा है, लेकिन दूसरी तरफ अपनी बिजली सस्ती होने के कारण उपभोक्ताओं काे राहत मिल रही है, यही वजह है कि पहले जो वीसीए 1.10 रुपए था, वह अब महज 43 पैसे हाे गया है।
प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को अप्रैल और मई में जो 43 पैसे प्रति यूनिट वीसीए देना पड़ेगा, उसके पीछे सबसे बड़ा कारण एनटीपीसी की महंगी बिजली है। एनटीपीसी में विदेशी कोयले का उपयोग होने के कारण उसकी बिजली महंगी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी के उत्पादन संयंत्रों में देशी कोयला लगने के कारण अपनी बिजली सस्ती पड़ रही है। दिसंबर और जनवरी के दो माह का जो आकलन किया गया है, उसमें एनटीपीसी की बिजली 1.05 रुपए महंगी मिली है। इसी के साथ अपनी बिजली 34 करोड़ सस्ती पड़ी है। अगर एनटीपीसी की बिजली तय कीमत से ज्यादा में नहीं मिलती तो 43 पैसे वीसीए नहीं लगता। एन
एनटीपीसी और सेल के संयुक्त उपक्रम से भी बिजली महंगी मिल रही है। इसकी कीमत 3.70 रुपए है लेकिन यह भी 4.22 रुपए में मिल रही है।
दाे माह में होती है वीसीए की समीक्षा
बिजली नियामक आयोग से बिजली उत्पादन के लिए तय की गई कीमत से ज्यादा में उत्पादन लागत पड़ने पर ही वीसीए के रूप में शुल्क लिया जाता है। हर दो माह में इसकी समीक्षा करके तय होता है कि कोयला, आइल और अन्य उत्पादन सामग्री के कारण बिजली की कीमत कितनी पड़ी। इसके हिसाब से चार माह आगे इसका वीसीए तय होता है। जैसे इस बार दिसंबर और जनवरी में एनटीपीसी की बिजली में 1.05 रुपए का अंतर आया है तो इसका असर अप्रैल और मई के बिजली बिल में आएगा। इसलिए इस बार 43 पैसे वीसीए तय किया गया है। इसके पहले कीमत और ज्यादा लग रही थी तो वीसीए 1.10 रुपए चला गया था, लेकिन दो बार में वीसीए कम किया गया है।
अपनी बिजली की लागत कम
पावर कंपनी के अपने कोरबा और मड़वा के संयंत्रों में बिजली का जो उत्पादन होता है, उसके लिए भी बिजली नियामक आयोग ने कीमत तय कर रखी है। अपनी बिजली लगातार उत्पादन लागत से कम में पड़ रही है, यही वजह है कि वीसीए कम लग रहा है। पिछले साल जब वीसीए 1.10 रुपए हो गया था, तब एनटीपीसी की बिजली जहां बहुत महंगी थी, वहीं अपनी बिजली 26 करोड़ सस्ती थी, अब एक बार फिर एनटीपीसी की महंगी बिजली के कारण ही वीसीए लग रहा है। हालांकि नए साल में दो बार वीसीए कम हो चुका है। अब 1.10 रुपए के स्थान पर 43 पैसे ही हो माह के लिए लगेंगे। लेकिन ये भी नहीं लगते अगर एनटीपीसी में तय कीमत से ज्यादा कीमत नहीं लगती। अपनी बिजली तो 34 करोड़ सस्ती पड़ी है।
उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
अपनी बिजली सस्ती होने के कारण ही वीसीए में लगातार कमी आने के कारण भरी गर्मी में उपभोक्ताओं को इस बार राहत मिलने वाली है। फरवरी और मार्च में वीसीए 78 पैसे थे जो अब 35 पैसे कम होकर 43 पैसे हो गया है। जून और जुलाई में भी एक बार फिर से कीमत में कमी की संभावना है।