
रायपुर. देश के सबसे बड़े उद्योगपति माने जाने वाले गौतम अडानी की चर्चा इन दिन आम है। अब अडानी का नाम छत्तीसगढ़ से भी जुड़ गया है, दरअसल में प्रदेश में 56 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं के मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी ने पांच संभागों को तीन हिस्सों में बांटकर टेंडर किया है। अभी जो तकनीकी बीड खुला है, उसमें जो पांच कंपनियां सामने आईं हैं, उसमें सबसे बड़ी कंपनी के रूप में अडानी की कंपनी है। इस कंपनी ने सभी संभागों का चार हजार करोड़ का टेंडर भरा है। एक बड़ी नामी कंपनी टाटा ने भी टेंडर भरा है, लेकिन टाटा ने महज रायपुर संभाग के टेंडर में ही रुचि दिखाई है। इसी के साथ तीन और कंपनियों ने भी टेंडर भरा है। अब सभी कंपनियों को तकनीकी बीड पर परखा जा रहा है। इसमें जो कंपनियां पात्र मिलेंगी उनका रेट खोलकर माह के अंत तक टेंडर को फाइनल किया जाएगा।
टेंडर को पॉवर कंपनी ने अपने प्रदेश के पांच संभागों के हिसाब से किया है, क्योंकि एक साथ चार हजार करोड़ का टेंडर करने पर ज्यादा कपंनियां के आने की संभावना नजर नहीं आ रही थी। इसी के साथ अलग-अलग हिस्सों में टेंडर करने के काम भी तेजी से होगा। रायपुर संभाग बड़ा होने के कारण उसको अलग संभाग रखा गया है और इसका टेंडर 16 सौ करोड़ का है। इसी के साथ दुर्ग संभाग के साथ बस्तर संभाग को मिलाया गया है। इसका टेंडर भी 16 सौ करोड़ का है। बिलासपुर और अंबिकापुर संभाग को मिलाकर एक पैकेज किया गया है। इसकी टेंडर आठ सौ करोड़ का है।
अडानी लगाना चाहते हैं पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर
कुल मिलाकर पांच संभागों के तीन पैकेज के लिए पांच कंपनियां ने टेंडर भरा है। रायपुर संभाग का टेंडर अडानी और टाटा के अलावा तीन और कंपनियों इन टेली स्मार्ट, हाई प्रिंट एनर्जी और एनसीएल ने भरा है। बस्तर और दुर्ग का अडानी के अलावा एक और कंपनी ने और बिलासपुर और अंबिकापुर का अडानी के अलावा दो और कंपनियों ने टेंडर भरा है। अगर तकनीकी बीड में तीनों पैकेजों में अडानी कंपनी पात्र हो जाती है और उसका रेट भी एल वन होगा तो उनको पूरे प्रदेश में मीटर लगाने का काम मिल सकता है। रायपुर संभाग में अगर टाटा कंपनी एल वन हो गई तो उसके हिस्से में टेंडर जा सकता है। इसी के साथ दूसरी कंपनियां भी दौड़ में शामिल हैं। जिनका रेट एल वन होगा उसको काम मिलेगा।