बिना तथ्य के आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाये जाएं : Birla
नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज स्पष्ट किया कि संसद भवन परिसर में धरना प्रदर्शन आदि पर रोक संबंधी निर्देश विगत 13 वर्ष से प्रत्येक सत्र के पहले नियमित रूप से जारी होते रहे हैं और इसलिए बिना तथ्य जाने आरोप नहीं लगाये जाने चाहिए। श्री बिरला ने यहां राज्यों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करने के बाद मीडिया के सवालों के जवाब में यह स्पष्टीकरण दिया।
उन्होंने कांग्रेस के महासचिव एवं संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश के ट््वीट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि लोकसभा सचिवालय ने कोई नया परिपत्र जारी नहीं हुआ है। यह प्रक्रिया 2009 से चल रही है। सभी से आग्रह है कि सदनों में बिना तथ्यों के आरोप प्रत्यारोप से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, ''लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। सभी दलों से आग्रह है कि किसी भी विषय पर आरोप प्रत्यारोप बिना तथ्य के नहीं करना चाहिए।
लोकसभा सचिवालय द्बारा मानसून सत्र के पहले जारी बुलेटिन में दस से भी अधिक परामर्श में से एक परामर्श में कहा गया है, '' सदस्य संसद भवन परिसर का इस्तेमाल किसी तरह के धरने, विरोध प्रदर्शन, हड़ताल या धार्मिक समारोह के लिए नहीं कर सकते। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट में इस पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा ,'' विषगुरू का ताजा धमाका – धरना मना है। लोकसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने मीडिया के प्रतिनिधियों को बीते कुछ वर्षों में जारी बुलेटिन की प्रतियां भी साझा कीं जिनमें उपरोक्त परामर्श जारी किया गया था।