कवर्धा धर्मांतरण विवाद: क्या है दोनों पक्षों का दावा

कवर्धा/रायपुर. छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के आदर्श नगर में रविवार को धर्मांतरण को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं ने सूचना के आधार पर एक घर में छापा मारा, जहां कथित तौर पर धर्मांतरण का कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान करीब 20 लोगों को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर जांच शुरू कर दी है। वहीँ आयोजकों का दावा है कि यह एक सामान्य प्रार्थना सभा थी।
विहिप का आरोप
विहिप कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों का आरोप है कि आदर्श नगर के एक घर में प्रार्थना सभा के नाम पर लोगों को बुलाया गया था। उनका दावा है कि इस सभा में बीमारियों को ठीक करने का झांसा देकर लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया जा रहा था। कार्यकर्ताओं ने एक फादर और उनकी पत्नी पर लंबे समय से ऐसी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया। विहिप ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रशासन से पूरे मामले की गहन जांच और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसी गतिविधियां सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं।
सामान्य प्रार्थना सभा – आयोजक
हालांकि, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आयोजकों का दावा है कि यह एक सामान्य प्रार्थना सभा थी, जिसमें किसी तरह का जबरन धर्मांतरण नहीं हो रहा था। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि सभा में शामिल होने वाले स्वेच्छा से आए थे और इसे धार्मिक स्वतंत्रता के तहत देखा जाना चाहिए। इस पक्ष का कहना है कि विहिप के कार्यकर्ताओं ने बिना पुख्ता सबूत के हंगामा किया और मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत किया और सभी पकड़े गए लोगों को पूछताछ के लिए थाने ले गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और सभी आरोपों की गहराई से पड़ताल होगी। उन्होंने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।