मौसम डेटा स्रोत: रायपुर मौसम
business

जमकर खरीदा जा रहा यह सस्ता सोना, कीमत में है भारी अंतर

सोने की कीमत  : सोने की कीमतों में बीते वर्षों में आई जबरदस्त तेजी से यह कीमती धातु धीरे-धीरे आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रही है। लेकिन शादी-ब्याह में आज भी सोने की जूलरी काफी चलन है। ऐसे में अब लोग 22 कैरेट गोल्ड जूलरी की बजाय 18 कैरेट गोल्ड जूलरी की तरफ जा रहे हैं। 2024 में 18 कैरेट गोल्ड जूलरी की डिमांड में साल-दर-साल 25% का इजाफा हुआ है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार, युवा ग्राहक 18 कैरेट रोज गोल्ड को अधिक तरजीह दे रहे हैं, क्योंकि यह किफायती होता है।

कितना है कीमत में अंतर?
बुधवार को 18 कैरेट गोल्ड की कीमत 59,120 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। जबकि 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 72,140 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। 18 और 22 कैरेट दोनों ही तरह की गोल्ड जूलरी के लिए हॉलमार्क होता है। इससे आप प्योरिटी से जुड़ी चिंताओं से मुक्त हो सकते हैं। हॉलमार्क एक विशिष्ट पहचान होती है। यह एक छह-अक्षर का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड होता है, जो सोने के आभूषणों की पहचान करने और उनका ट्रैक रखने के लिए जारी किया जाता है।

225 टन 18 कैरेट गोल्ड जूलरी कंज्यूम की
ऑल इंडिया जेम एंड जूलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने कहा, ‘साल 2024 में भारतीयों ने 225 टन 18 कैरेट गोल्ड जूलरी कंज्यूम की। यह साल 2023 की तुलना में 25 फीसदी का उछाल है। मांग में यह वृद्धि काफी अधिक है। क्योंकि पहले 5-10% का ही इजाफा देखा जाता था।’ देश में 22 कैरेट सोने की कुल खपत सालाना 500-550 टन के बीच होती है। 2023 में 18 कैरेट सोने की खपत 180 टन और 2022 में 162 टन थी। 

14 कैरेट और 9 कैरेट में भी आ रहे आभूषण
रोकड़े ने आगे कहा, ‘कैरेट जितना कम होगा, आभूषण उतना ही मजबूत होगा। इसलिए, ज्वैलर्स नए और आधुनिक डिजाइनों के साथ प्रयोग कर रहे हैं, जिन्हें युवा पीढ़ी आसानी से खरीद रही है।” यह चलन साउथ इंडिया में भी देखने को मिला है, जो भारत में सबसे बड़ा गोल्ड कंज्यूमिंग रीजन है। कई ज्वैलर्स ने 14 कैरेट और 9 कैरेट सोने में भी आभूषण लॉन्च किए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन ने 9 कैरेट आभूषणों में हॉलमार्किंग की शुरुआत की मांग करते हुए भारतीय मानक ब्यूरो को पत्र लिखा है।

Related Articles

Back to top button