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धान के सौदे पर, घोटाले के आरोप की बारिश, मामला हज़ार सीआर का – सीडी

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की प्रेसवार्ता

रायपुर. छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने एक प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा की विष्णुदेव सरकार पर धान में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की विफलता के कारण करोड़ों रुपये की राष्ट्रीय क्षति हुई है, जिसके लिए भाजपा की विष्णुदेव सरकार जिम्मेदार है।

डॉ. महंत ने कहा कि खरीफ फसल 2023 के दौरान राज्य में धान की रिकॉर्ड तोड़ खरीदी हुई, जो कुल 144.92 लाख मैट्रिक टन तक पहुंच गई थी। यह मात्रा राज्य सरकार के अनुमान से 15 लाख मैट्रिक टन अधिक थी। हालांकि, राज्य सरकार इस धान के भंडारण, मिलिंग और सुरक्षा के लिए कोई ठोस कार्ययोजना बनाने में असफल रही।

उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के कुशासन के कारण न तो समय पर धान की मिलिंग हो सकी और न ही खरीदी केंद्रों और संग्रहण केंद्रों में धान की उचित सुरक्षा व्यवस्था की जा सकी। इसका परिणाम यह हुआ कि 2 सितंबर 2024 तक 4.16 लाख क्विंटल धान खरीदी केंद्रों पर और 21.77 लाख क्विंटल धान संग्रहण केंद्रों पर शेष रहा, जो पूरी तरह से नष्ट हो चुका है।

डॉ. महंत ने बताया कि मुंगेली जिले में सबसे अधिक धान 26 करोड़ रुपये मूल्य का नष्ट हुआ है, जबकि अन्य जिलों में भी बड़ी मात्रा में धान नष्ट हुआ है। उनका कहना है कि धान के इस नष्ट होने से राज्य को कुल 1037.55 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।

• जिला कबीरधाम में 16 करोड़ का 39744 क्विंटल,
• जिला बिलासपुर में 15 करोड़ का 36310 क्विंटल,
• जिला बालोद में 10 करोड़ का 25723 क्विंटल,
• जिला बेमेतरा में 11 करोड़ 26436 क्विंटल,
• जिला बलौदाबाजार में 19 करोड़ का 46332 क्विंटल,
• जिला खैरागढ़ में 6 करोड़ का 15108 क्विंटल,
• जिला जशपुर में 7 करोड़ का 16464 क्विंटल,
• जिला कोरिया में 5 करोड़ का 11705 क्विंटल,
• जिला कांकेर में 19 करोड़ का 47113 क्विंटल,
• जिला बीजापुर में 6 करोड़ का 13988 क्विंटल,
• जिला कोंडागांव में 6 करोड़ का 12992 क्विंटल
• जिला बस्तर, सुकमा, रायगढ़, सारंगढ़, राजनांदगांव, खैरागढ़, गरियाबंद, महासमुंद, बलरामपुर, तथा सरगुजा में भी भारी मात्रा में उपार्जन केन्द्रों पर धान नष्ट हुआ है।

उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि अगर समय पर धान की सुरक्षा और मिलिंग की गई होती, तो इतनी बड़ी क्षति नहीं होती। कांग्रेस पार्टी ने इस मामले पर प्रधान मंत्री और राज्यपाल से खाद्य मंत्री को पद से हटाने, मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण लेने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को संसद और विधानसभा में उठाएगी और लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज करेगी।

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