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छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र कल से
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। यह सत्र राज्य की राजनीति में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह बनेगा। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक की संभावना है, जिससे यह सत्र खास और रोचक होने वाला है।
- सरकार इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक और अनुपूरक बजट पेश करने की योजना बना रही है।
- मंत्री केदार कश्यप, जो अब संसदीय कार्य मंत्री हैं, की भूमिका पर भी सबकी नजरें होंगी।
- विपक्ष की रणनीति
- विपक्ष ने हर दिन एक मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है।
- बलौदाबाजार हिंसा, बैगा आदिवासियों की मौत, बिगड़ती कानून व्यवस्था, खाद बीज की कमी, और अघोषित बिजली कटौती जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की जा रही है।
- सत्र से पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से उनके निवास पर मुलाकात की है।
- पहली बार वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल सदन में नहीं होंगे। उनकी जगह मंत्री केदार कश्यप संसदीय कार्य मंत्री के रूप में नजर आएंगे।
विपक्ष की तैयारी
- विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक सरकार को हर मुद्दे पर जवाब देने के लिए तैयार हैं। पीसीसी चीफ दीपक बैज का कहना है कि उनके पास कई मुद्दे हैं जिन पर वे सरकार को घेरेंगे।
- डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव ने कहा है कि सरकार सभी मुद्दों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है।
सदन में प्रस्तुत सवाल
- इस बार सदन में 966 सवाल लगाए गए हैं, और दो दर्जन से अधिक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी पेश किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र इस बार बेहद खास और हंगामेदार होने की संभावना है। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने मुद्दों पर मजबूती से खड़े हैं और सदन में तीखी बहस होने की उम्मीद है। जनता की नजरें इस सत्र पर टिकी हैं, क्योंकि कई महत्वपूर्ण फैसले और चर्चाएं होने वाली हैं।