CG- लोगों के मन से टूटा अंधविश्वास का जाल.. पकड़ा गया सांप, तालाब से निकालकर वन विभाग की टीम ने जंगल में छोड़ा..

कोरिया। जिले में दूध पीते नाग-नागिन के जोड़े को रेस्क्यू कर बंजारीडांड़ के जंगल में छोड़ दिया गया है। एडिशनल एसपी कोरिया और बैकुंठपुर तहसीलदार की मौजूदगी में जहरीले सांपों को पकड़ा गया। हालांकि ग्रामीणों ने प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध भी किया।
जानकारी के अनुसार, कोरिया जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर ग्राम पंचायत चारपारा के तालाब में नाग-नागिन का जोड़ा करीब एक 10 दिनों से मौजूद था। यह सांप का जोड़ा लोगों की आवाज सुनकर तालाब के तट पर आ जाता था। लोग सांप को दूध पिलाते थे। इसके बाद नाग जोड़ा वापस तालाब में चला जाता था।
रेस्क्यू के लिए पहुंची टीम को ग्रामीणों ने रोका
नाग से खेल रहे एक ग्रामीण की डसने से मौत होने के बाद मंगलवार को चिरमिरी रेंजर सूर्यदेव सिंह के साथ वन विभाग की टीम गांव में पहुंची। गांव में सैकड़ों ग्रामीणों ने वन अमले को रेस्क्यू करने से रोक दिया। ग्रामीणों का कहना था कि, अब जिसे भी नाग का दर्शन करना है, वो अब बाहर से ही दर्शन करेगा। ग्रामीणों ने तालाब में अपनी आस्था बताकर रोके जाने के बाद वन विभाग की टीम लौट गई। सूचना कोरिया जिला प्रशासन को दी गई। ग्रामीण सांपों को जहरीला बताकर किसी को भी पास जाने से रोक भी रहे थे।
प्रशासनिक अमले ने कराया रेस्क्यू
इसकी जानकारी जब प्रशासन को मिली तो एएसपी कोरिया मोनिका ठाकुर पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंची। बैकुंठपुर तहसीलदार की टीम भी मौके पर पहुंच गई। अपनी निगरानी में एएसपी ने नाग-नागिन के जोड़े का रेस्क्यू कराया। वन विभाग की टीम ने देर शाम सांपों को बंजारीडांड़ जंगल में छोड़ दिया।
तालाब के मालिक के भाई कृष्णा पैकरा ने बताया कि, नाग का जोड़ा निवास तालाब के पास ढोढ़ी में है। ढोढ़ी में पानी कम होने के कारण नाग जोड़ा तालाब में आ गया। ढोढ़ी को फिर से साफ कराया जाएगा। गांव वाले नाग जोड़े को दूर हटाने के लिए तैयार नहीं थे।
अंधविश्वास के कारण पिला रहे थे दूध
अंबिकापुर के वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ और पशु चिकित्सक डॉ. सीके मिश्रा ने कहा कि, दोनों सांप जहरीले कोबरा प्रजाति के थे। सांप दूध नहीं पीते हैं। वे कुछ बूंदें चाट सकते हैं। लोग अपनी आस्था के कारण उन्हें दूध पिला रहे थे। उन्हें पकड़कर रेस्क्यू करना ही सबसे उचित उपाय था।