प्रभु राम के इंतजार में 40 साल नंगे पैर चले बलराम, अब अयोध्या आकर पहनेंगे जूते
RAM MANDIR का हर कोई दशकों से इंतजार कर रहा था। अब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है। सभी को इस दिन का इंतजार था लेकिन दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के रहने वाले 56 वर्षीय बलराम पांडे ने पिछले 40 साल से जूते चप्पल नहीं पहने। वो नंगे पैर ही श्री राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर चल रहे हैं। लेकिन अब उनका संकल्प पूरा होने वाला है। ऐसे में अब वो जल्द ही अयोध्या में जाकर रामलला के दर्शन करेंगे। उसके बाद वहीं पर पैरों में चप्पल- जूते पहनेंगे।
अयोध्या में रहते थे बलराम के पूर्वज
बटियागढ़ निवासी बलराम पांडे के पूर्वज अयोध्या में ही रहते थे। बाद में परिवार बटियागढ़ में आकर बस गया। बलराम पांडे अक्सर अयोध्या जाते रहते थे। जब उनकी उम्र 16 साल थी,तब 1983 में स्वजनों के साथ अयोध्या गए थे। वहां उन्होनें देखा कि जगत के पालनहार एक चबूतरे पर टेंट के नीचे बैठे हैं। अयोध्या में राम मंदिर की जमीन के मालिकाना हक का विवाद न्यायालय में था। उन्होनें वहीं संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता वे नंगे पैर में ही चलेंगे। बलराम पांडे का कहना था कि जिस दिन अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा वे अयोध्या जाएंगे और वहीं पर पैर में जूते-चप्पल पहनेंगे। भले ही कितना समय लग जाए।
पूजा-पाठ, प्रवचन करते थे बलराम के पूर्वज
बलराम पांडे के पूर्वज अयोध्या के पांडे मोहल्ला में रहते थे। पूजा-पाठ, प्रवचन कर अपना गुजर-बसर करते थे। धीरे-धीरे काम कम हो गया। बटियागढ़ के फुटेरा गांव निवासी रामनाथ पटेल और अन्य लोग अयोध्या में पांडे के घर रुकते थे। जब अयोध्या में गुजर-बसर मुश्किल हो गई तो पांडे के पूर्वज पटेल के साथ फुटेरा आ गए। यह 1907 की बात है। वहां के मंदिर में पूजा-पाठ करने लगे। मंदिर की तरफ से परिवार को आठ एकड़ जमीन दी गई थी। रोजगार सहायक भरत पटेल ने मीडिया रिपोर्ट में बताया कि फुटेरा में बलराम के पिता सुदामा पांडे का जन्म हुआ था। डॉ कृष्ण मुरारी असाटी ने बताया कि वह बलराम पांडे को कई सालों से नंगे पैर चलते देख रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि वह हमारे गांव में रहते हैं। उन्होनें कम उम्र में ही श्रीराम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर नंगे पैर चलना शुरु किया था।
50 लोगों के साथ जाएंगे RAM MANDIR:
बलराम पांडे का संकल्प पूरा हो गया है। 22 जनवरी को भगवान श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। यदि भीड़ के चलते 22 जनवरी के आसपास नहीं जा पाए तो बाद में 50 लोगों के साथ जाएंगे। सरयू नदी में स्नान करने के बाद भगवान श्रीराम के दर्शन करेंगे। उसके बाद ही वह पैर में जूते पहनेंगे।