अक्टूबर के बिजली बिल में भी आचार संहिता का करंट
रायपुर . विधानसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता दाे दिन बाद तीन दिसंबर काे मतगणना के बाद समाप्त हाे जाएगी,. लेकिन अक्टूबर के बिजली बिल में भी आचार संहिता का करंट जारी रहेगा। प्रदेश भर के बिजली उपभोक्ताओं के सितंबर के बाद अक्टूबर के भी बिजली बिल में बिजली की कीमत में कोई भी फेरबदल नहीं होगा। आचार संहिता के कारण कोई भी बदलाव नहीं किया जा रहा है। पावर कंपनी ने निर्वाचन आयोग को हर माह होने वाले बदलाव की जानकारी देते हुए मंजूरी मांगी थी, लेकिन वहां से मंजूरी न मिलने के कारण पॉवर ने फैसला किया है कि उपभोक्ताओं से अगस्त में ऊर्जा प्रभार पर लगा 10.31 प्रतिशत वाला ही शुल्क सितंबर की तरह अक्टूबर के बिल में भी लिया जाएगा। बाद में गणना करके जो भी कीमत कम ज्यादा होगी उसको नवंबर माह के बिल में समायोजित किया जाएगा। संभावना यही है कि दोनों माह में कीमत में कुछ कमी होगी, इसका फायदा बाद में उपभोक्ताओं को मिल जाएगा।
प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए के रूप में बिजली की कीमत बढ़ने से अंतर की राशि वसूली जाती थी, लेकिन इसको केंद्र सरकार ने नए सत्र अप्रैल से बंद कर दिया है। इसके स्थान पर केंद्रीय सरकार के निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य बिजली नियामक आयोग ने अब उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए नया फार्मूला फ्यूल पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) लागू कर दिया है। एफपीपीएएस में पहले माह 5.3 प्रतिशत शुल्क लगा था, लेकिन दूसरे माह में शुल्क डबल हो गया और दस फीसदी ऊर्जा प्रभार पर शुल्क लगा। तीसरे माह 14.23 फीसदी शुल्क लगा। चौथे माह जुलाई में शुल्क में कमी आई और यह 11.23 फीसदी हो गया। इसके बाद अगस्त माह में कमी आई और शुल्क 10.31 प्रतिशत हो गया। लेकिन सितंबर में आचार संहिता के कारण फेरबदल नहीं हो सका तो ऐसे अक्टूबर में सितंबर का जो बिल आया था, उसमें अगस्त माह की खपत पर ऊर्जा प्रभार में 10.31 प्रतिशत के हिसाब से शुल्क लिया गया। अब एक बार फिर से दिसंबर में अक्टूबर माह का जो बिल उसमें भी अगस्त माह के ही ऊर्जा प्रभार पर 10.31 प्रतिशत का शुल्क लिया जाएगा।
कितनी खपत पर कितना शुल्क
नए फार्मूले में पहले सौ यूनिट का ऊर्जा प्रभार 370 रुपए है, तो इस पर 10.31 फीसदी के हिसाब से 38 रुपए लगेंगे यानी 38 पैसे प्रति यूनिट। दो सौ यूनिट का ऊर्जा प्रभार 760 रुपए होता है। इस पर 78 रुपए लगेंगे। प्रति यूनिट पर यह 39 पैसे होगा। तीन सौ यूनिट का ऊर्जा प्रभार 1290 रुपए है। इस पर 133 रुपए लगेंगे। इस पर 44 पैसे प्रति यूनिट पर देने पड़ेंगे। चार सौ यूनिट का ऊर्जा प्रभार 1820 रुपए है, इस पर 187 रुपए लगेंगे। यानी 46 पैसे प्रति यूनिट लगेंगे।