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जीडीपी अब तक नहीं पहुंच पाई 5 ट्रिलियन डॉलर, क्या इसका कारण सोने का आयात?

देश लगातार विश्व में मजबूत अर्थव्यवस्था में शामिल होने के लिए प्रयास कर रहा है. इसके साथ ही देश की ओर से लगातार 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनने की कोशिश भी की जा रही है. वहीं अब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएम-ईएसी) के अस्थायी सदस्य नीलेश शाह की ओर से अहम बात कही गई है. उनके जरिए कहा गया है कि भारत काफी पहले ही 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाता.

सोने का आयात

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएम-ईएसी) के अस्थायी सदस्य नीलेश शाह ने सोमवार को कहा कि सोने के आयात की आदत नहीं होती तो भारत 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लक्ष्य को ‘बहुत पहले’ ही हासिल कर लिया होता. म्यूचुअल फंड उद्योग के दिग्गज शाह ने कहा कि पिछले 21 वर्षों में भारतीय लोगों ने अकेले सोने के आयात पर लगभग 500 अरब डॉलर खर्च कर दिए हैं.

जीडीपी

शाह ने कहा, ‘‘हम 5 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का प्रधानमंत्री का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं. लेकिन हम सिर्फ एक आदत से दूर रहकर बहुत पहले ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गए होते. हमने शायद सही वित्तीय निवेश न करके भारत की जीडीपी का एक-तिहाई हिस्सा गंवा दिया है.’’

सोने की तस्करी

कोटक एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी शाह ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीयों ने पिछले 21 वर्षों में शुद्ध आधार पर सोने के आयात पर 375 अरब डॉलर खर्च किए हैं. इसके साथ नियमित तौर पर सोने की तस्करी की खबरें भी आती रहती हैं.

इंवेस्टमेंट

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह पैसा सोने के बजाय टाटा, अंबानी, बिड़ला, वाडिया और अडाणी जैसे उद्यमियों में निवेश किया गया होता तो कल्पना करें कि हमारी जीडीपी क्या होती? वृद्धि क्या होती, हमारी प्रति व्यक्ति जीडीपी क्या रही होती?”

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