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उत्तरकाशी में सुरंग ढहने से फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए पांच वैकल्पिक योजनाओं पर काम कर रही है केंद्र सरकार 

नई दिल्ली ।  उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए पांच विकल्पों वाली कार्ययोजना अपनाई जाएगी। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने सरकार के फैसले के बारे में जानकारी दी। केंद्र सरकार ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें श्रमिकों को बचाने के लिए पांच विकल्पों पर विभिन्न एजेंसियों के साथ चर्चा की गई।

सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने रविवार को कहा कि सरकार उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सुरंग के ढहने के बाद उसमें पिछले सात दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी दवाओं के साथ ही सूखे मेवे भेज रही है।

अनुराग जैन ने कहा, ‘‘सौभाग्य से, अंदर रोशनी है क्योंकि बिजली चालू है। वहां एक पाइपलाइन है और इसलिए पानी उपलब्ध है। चार इंच का एक पाइप है, जिसका उपयोग ‘कंप्रेशन (दबाव) के लिए किया गया था। उसके माध्यम से, हम पहले दिन से खाद्य सामग्री भेज रहे हैं।

जैन ने उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान की ताजा जानकारी देने के लिए एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर दो किलोमीटर के हिस्से में पानी और बिजली उपलब्ध है, जो उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में 4।531 किलोमीटर लंबी दो लेन वाली सुरंग का तैयार हिस्सा है।

उन्होंने कहा, हम उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी दवाएं और सूखे मेवे भेज रहे हैं।

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘आलवेदर सड़क (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है।

सुरंग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के तहत किया जा रहा है। निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा पिछले रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे ढह गया था और तब से श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए युद्वस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया जा रहा है।

बचाव अभियान शुक्रवार दोपहर को निलंबित कर दिया गया था जब श्रमिकों के लिए निकलने का मार्ग तैयार करने के लिए ड्रिल करने के वास्ते लगायी गई अमेरिका निर्मित ऑगर मशीन में खराबी आ गई जिससे चिंता बढ़ गई। जब तक ड्रिलिंग रोकी गई, तब तक ऑगर मशीन सुरंग के अंदर 60 मीटर क्षेत्र में फैले मलबे के माध्यम से 24 मीटर तक ड्रिल कर चुकी थी।

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