रायपुर(realtimes) प्रदेश के इतिहास में पहली बार राहर दाल की कीमत राजधानी रायपुर में चिल्हर में 190 रुपए हो गई है। थोक में ही कीमत 175 रुपए हो गई है। इसी के साथ चना दाल को छोड़कर बाकी दालें भी सौ रुपए के पार हैं। राहर दाल की कीमत ज्यादा होने का बड़ा कारण जहां इस साल फसल का खराब होना रहा है, वहीं उत्पादन का भी लगातार कम होना है। इस साल से 8 माह में कीमत में 90 रुपए का इजाफा हुआ है। साल के प्रारंभ में थोक में कीमत 90 और चिल्हर में सौ रुपए थी। इधर पहली बार देशी चना भी भाव खाने लगा है। चिल्हर में कीमत 80 रुपए हो गई है।
देश में पिछले कुछ सालों से लगातार राहर दाल का उत्पादन कम होते जा रहा है। तीन साल पहले 2021 में राहर दाल का उत्पादन 42 लाख टन था। यह पिछले साल घटकर 34 लाख टन हो गया। इस साल इसका उत्पादन 29.5 लाख टन हो गया है। इस बार फसल के सीजन में बेमौसम बारिश के कारण भी फसल खराब हुई है। यही वजह है कि कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है।
90 रुपए बढ़ी कीमत
साल के प्रारंभ में कीमत सौ रुपए थी, लेकिन इसके बाद फरवरी से लगातार कीमत बढ़ रही है। इस समय चिल्हर में अच्छी दाल 190 रुपए और थोक में 175 रुपए है। थोड़ी कम क्वालिटी की दाल थोक में 160 से 165 और चिल्हर में 180 रुपए है। अन्य दालों की बात करें तो चना दाल ही इस समय सौ रुपए से कम है, लेकिन आने वाले समय में इसकी कीमत भी चिल्हर में सौ रुपए तक जा सकती है। इस समय थोक में चना दाल 80 रुपए और चिल्हर में 90 रुपए है। मूंग दाल धुली थोक में 110, चिल्हर में 125, उड़द दाल धुली थोक में 115, चिल्हर में 130 रुपए किलो है।
चना भी खाने लगा भाव
देसी चना भी इस समय भाव खा रहा है। जो चना थोक में 40 से 45 रुपए और चिल्हर में 50 से 55 रुपए किलो बिकता था, वह इस समय थोक में 65 से 70 और चिल्हर में 80 रुपए किलो हो गया है। काबुली चना की कीमत भी लगातार बढ़ रही है। इस समय थोक में यह 160 और चिल्हर में 180 रुपए किलो हो गया है। इसके भी आने वाले समय में दो सौ रुपए किलो होने की संभावना है।
कच्चा माल आता है बाहर से
राहर दाल के लिए कच्चा माल महाराष्ट्र और कर्नाटक से ज्यादा आता है। यहां पर इसको बनाया जाता है। सबसे ज्यादा करीब सवा दाल दाल मीलें भाटापारा में हैं। राजधानी रायपुर में 15 दाल मीलें हैं। इसी के साथ प्रदेश के कुछ और शहरों को मिलाकर प्रदेश में दो सौ के करीब दाल मीलें हैं। यहां से बिहार, उप्र, ओडिशा, बंगाल, आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में माल जाता है।