खास खबर: कोरबा में 1340 मेगावाट का नया बिजली संयंत्र लगाने पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी का इंतजार
रायपुर. प्रदेश में बिजली की खपत लगातार बढ़ते जा रही है। इस साल गर्मी पूरी तरह से आई भी नहीं है और खपत छह हजार मेगावाट के करीब पहुंच गई है। प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी की उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार है। कोरबा में 1340 मेगावाट का नया संयंत्र लगाने की मंजूरी राज्य सरकार दे चुकी है। इसको लेकर प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी लेने के लिए तेजी से काम चल रहा है।
राज्य सरकार इस समय बिजली उत्पादन की क्षमता काे विशाल बनाने की दिशा में काम कर रही है। जहां एक तरफ पानी से 7700 मेगावाट बिजली बनेगी वहीं, छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी के कोरबा पश्चिम में 660 मेगावाट के दो संयंत्र लगेंगे। इसके पहले सबसे बड़े दो संयंत्र 500-500 मेगावाट के मड़वा में लगे थे। कोरबा पश्चिम में पावर कंपनी के पास अपनी जमीन भी है। यहां पर 60 साल पुराने 50 मेगावाट के चार और 120 के दो संयंत्र प्रदूषण के कारण बंद हो चुके हैं। अब उसी स्थान पर नए संयंत्र लगाने की तैयारी है। इसको लेकर उत्पादन कंपनी तैयारी कर रही है।
अभी 2980 मेगावाट उत्पादन क्षमता
अलग राज्य बनने के बाद 2000 में राज्य में बिजली के मामले में ज्यादा सुविधाएं नहीं थीं। उत्पादन के मामले में यहां पर महज 1360 मेगावाट का ही उत्पादन होता था। लेकिन आज की स्थिति में यह उत्पादन 2980 मेगावाट हो गया है। मड़वा में जो 500 मेगावाट की दो यूनिट लगी है, उस यूनिट में जब करीब आठ साल पहले उत्पादन प्रारंभ हुआ था, तभी से उसकी बिजली तेलंगाना को देने का अनुबंध हो गया था। ऐसा इसलिए संभव हो सका, क्योंकि उत्पादन के मामले में राज्य सरप्लस हो गया था। आज की स्थिति में जहां अपना उत्पादन 2980 मेगावाट है, वहीं सेंट्रल सेक्टर से करीब साढ़े तीन हजार मेगावाट का शेयर मिलता है। ऐसे में राज्य में बिजली छह हजार मेगावाट से ज्यादा हो जाती है।
अब नए संयंत्र की तैयारी
जिस तरह से तेजी से प्रदेश में उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफा हो रहा है, उससे आने वाले समय में बिजली की बहुत ज्यादा जरूरत होगी। आज उपभोक्ताओं की संख्या 61 लाख से ज्यादा हो गई है। पहले बिजली की खपत राेज तीन हजार मेगावाट से भी कम रहती थी, आज खपत छह हजार के करीब पहुंचने वाली है। प्रदेश सरकार ने एक दशक की खपत को देखते हुए ही योजना बनाकर कोरबा में 660 मेगावाट के दो संयंत्र लगाने की मंजूरी दी है।
पर्यावरण मंत्रालय के सामने प्रस्तुति भी
उत्पादन कंपनी के एमडी संजीव कुमार कटियार के मुताबिक पर्यावरण मंत्रालय से नए संयंत्र की मंजूरी लेने का काम तेजी से चल रहा है। फरवरी में मंत्रालय को सारी जानकारी देने के बाद मार्च में उसके सामने प्रस्तुति भी हो गई है। मंत्रालय से मंजूरी के पहले इसकी जानकारी सार्वजनिक भी की जाएगी, ताकि किसी तरह की कोई आपत्ति हो तो उसका भी निराकरण कर सके। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिलेगी और इसके बाद टेंडर जारी किया जाएगा।