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पॉवर कंपनी पर 13 हजार करोड़ का कर्ज, उपभोक्ताओं से 11 हजार करोड़ की लेनदारी भी

रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी पर 13 हजार करोड़ का कर्ज है। यह कर्ज तीन अलग-अलग कंपनियों को मिलाकर है। इसी के साथ पॉवर कंपनी की उपभोक्ता पर भी 11 हजार करोड़ की लेनदारी भी है। जहां एक तरफ प्रदेश सरकार पर ही पांच हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया है, वहीं तेलंगाना पॉवर कंपनी काे बेची गई बिजली का ही बकाया 36 सौ करोड़ है। इसके अलावा उपभोक्ताओं पर भी तीन हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया है।
पहली बार यह बात सामने आई है कि छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी बड़े कर्ज में डूबी हुई है। विधानसभा में एक सवाल के जवाब में जानकारी सामने आई है कि छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड पर 1668.38 करोड़, छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर उत्पादन कंपनी लिमिटेड पर रुपए 6563.89 करोड़ एवं छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर वितरण कंपनी लिमिटेड पर रुपए 5033.81 करोड़ का कर्ज है। कुल मिलाकर यह कर्ज 13 हजार करोड़ से ज्यादा का है।
प्रदेश सरकार पर पांच हजार करोड़ बकाया
एक तरफ जहां तीन पॉवर कंपनियां कर्ज में डूबी हुई है, वहीं वितरण कंपनी का उपभोक्ताओं पर भी बड़ा बकाया है। सबसे ज्यादा बकाया तो प्रदेश सरकार पर ही है। छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को शासन से 448.20 करोड़, छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर उत्पादन कंपनी लिमिटेड को 964.26 करोड, तथा छत्तीसगढ़ स्टेट पावर वितरण कंपनी लिमिटेड को 2291.76 करोड तथा 1658.05 करोड़ विभिन्न विभागों से लेना है। कुल मिलाकर प्रदेश सरकार पर 5362.27 करोड़ का बकाया है।
तेलंगाना पर 36 सौ करोड़ बकाया
पॉवर कंपनी का तेलंगाना पर 36 सौ करोड़ का बकाया है। इस बकाया पर विवाद भी चल रहा है। तेलंगाना इतना बकाया मानने तैयार नहीं है। उसने अब तक 21 सौ करोड़ का बकाया माना है। बाकी बकाया काे लेकर चर्चा चल रही है। तेलंगाना के अधिकारियों और छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर के अधिकारियों के बीच आमने-सामने बात हो चुकी है। संभावना है, बकाया को लेकर मामला सुलझ जाएगा।
उपभोक्ताओं पर तीन हजार करोड़ बकाया
कोरोना की वजह से आम उपभोक्ताओं पर प्रदेश सरकार के निर्देश पर दो साल तक पॉवर कंपनी ने बकाया को लेकर कोई सख्ती नहीं की जिसके कारण बकाया बढ़ते-बढ़ते तीन हजार करोड़ के पार हो गया है। अब जाकर इसकी वसूली प्रारंभ की गई है। लेकिन पूरा बकाया वसूलने में लंबा समय लगेगा।

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