चारों दिशाओं की पदयात्रा के संतों की होली के दलित होंगे हमजोली

रायपुर. राज्य में पहली बार आदिशक्ति मां के चार दरबारों से एक साथ निकली संतों की पदयात्रा का आधा पड़ाव पूरा हो गया है। इनकी यात्रा लगातार चल रही है। संत अपनी यात्रा में जहां दलितों के घरों पर जाकर भोजन कर रहे हैं, वहीं अब सभी संतों ने होली के दिन दलितों को ही अपना हमजोली बनाकर होली खेलने का फैसला किया है। जिनकी यात्रा जहां पहुंचेगी, वे वहां पर दलित बस्तियों में जाकर जहां होलिका दहन करेंगे, वहीं होली के दिन होली भी खेलेंगे। होली के दिन भी सुबह से यात्रा होगी और जहां तक पहुंचना निर्धारित किया गया है, वहां पहुंचकर होली खेलेंगे।
माँ बम्लेश्वरी डोंगरगढ़ से महंत सर्वेश्वर दास के नेतृत्व में निकली यात्रा होलिका दहन के दिन धमधा और होली के दिन घोंटा मोहंदी पहुंचेगी। इसी तरह से मां दंतेश्वरी से त्रिवेणी दास के नेतृत्व में निकली यात्रा अभी कोरर पहुंची है। होलिका दहन के दिन यात्रा लखनपुरी और होली वाले दिन इनकी यात्रा चारामा पहुंचेगी। मां महामाया से परमात्मा नंद के नेतृत्व में निकली यात्रा होलिका दहन के दिन जोगीसार और होली वाले दिन कारी आम में रहेगी। मां चंद्रहासिनी से यात्रा का आगाज करने वाले राकेश महाराज की यात्रा होलिका दहन के दिन रायगढ़ और होली वाले दिन चंद्रपुर पहुंचेंगी। इस तरह से होलिका दहन एक स्थान में दलितों के साथ किया जाएगा, वहीं दूसरे दिन होली दूसरे स्थान पर पहुंचने के बाद दलितों के साथ खेली जाएगी।
दलितों के घरों पर लगातार भोजन
चारों दिशाओं की यात्रा के संत जहां भी पहुंच रहे हैं, वहां पर दलितों के घरों पर जाकर भोजन कर रहे हैं। दंतेश्वरी मंदिर से यात्रा का आगाज करने वाले त्रिवेणी दास महाराज ने बताया, उनकी यात्रा में दलित भी शामिल हैं। दलित बहनें ही खाना बनाने के साथ ही यात्रा में शामिल सभी को खाना भी परोस रही हैं। इसी तरह से दूसरे संतों की यात्रा में पंगत भी हो रही है और दलितों के घरों पर खाना भी खाया जा रहा है।
रायपुर में भी जाएंगे दलितों के घर
चारों दिशाओं की यात्रा 17 मार्च को रायपुर पहुंचेेेगी। यहां आने के बाद सभी संत 18 मार्च को राजधानी रायपुर में अलग-अलग दलितों की बस्तियों में जाकर उनसे मिलेंगे और उनके घरों पर भोजन भी करेंगे। 19 मार्च को रावणभाठा मैदान में बड़ी धर्मसभा होगी। इसमें योगी आदित्यनाथ के साथ देश भर के कई संत शामिल होंगे।