राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के राेड शाे से हाेगा भाजपा के मिशन 2023 का आगाज, कार्यकर्ता सम्मेलन में जुटेंगे 50 हजार
रायपुर(realtimes) भाजपा अब प्रदेश में मिशन 2023 का आगाज करने जा रही है। इसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का राजधानी रायपुर में 9 सितंबर को बड़ा राेड शाे रखा गया है। इसी के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष 50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी बताने का काम करेंगे। साइंस कॉलेज के मैदान में बड़ा कार्यकर्ता हाेगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा 9 सितंबर को सुबह 11 बजे रायपुर पहुंचेंगे। विमानतल पर उनका भव्य स्वागत करने की तैयारी की गई है। इसमें पांच हजार से ज्यादा पदाधिकारी और कार्यकर्ता जुटेंगे। स्वागत करने सभी बड़े नेता भी विमानतल पहुंचेंगे। इसी के साथ भाजयुमो को बाइक रैली की जिम्मेदारी दी गई है। हर हाल में तीन हजार बाइकर्स रैली में रहेंगे। स्वागत का पूरा जिम्मा रायपुर के सांसद सुनील साेनी काे दिया गया है।
दीनदयाल की प्रतिमा से रोड शो
राष्ट्रीय अध्यक्ष विमानतल से तेलीबांधा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा तक अपनी कार से आएंगे। प्रतिमा में माल्यार्पण के बाद यहां से रोड शो प्रारंभ होगा। रोड शो के लिए एक खुले बड़े वाहन की व्यवस्था होगी। इसमें श्री नड्डा के साथ प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, सहप्रभारी नितिन नवीन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण सिंह चंदेल के साथ प्रदेश के चुनिंदा नेता रहेंगे। रोड शो का समापन एकात्म परिसर में होगा। इस बीच रास्ते में कई स्थानों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का मंच बनाकर स्वागत किया जाएगा।
कार्यकर्ता सम्मेलन साइंस कॉलेज में
कार्यकर्ता सम्मेलन अब कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के मैदान के स्थान पर साइंस कॉलेज में होगा। शनिवार को सहप्रभारी नितिन नवीन, प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव, महामंत्री भूपेंद्र सवन्नी ने साइंस कॉलेज मैदान का निरीक्षण किया इसके बाद सम्मेलन वहां पर कराने का फैसला किया गया।
50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता जुटाएंगे
कार्यकर्ता सम्मेलन को लेकर भाजपा ने फैसला किया है कि अब 50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता जुटाएं जाएंगे। चार साल पहले जब अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और यहां पर कार्यकर्ता सम्मेलन किया गया था तब 52 हजार कार्यकर्ता जुटे थे। इस बार भी कम से कम 50 हजार कार्यकर्ता जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। हर बूथ अध्यक्ष काे बुलाया जाएगा। 25 हजार बूथ हैं। शक्ति केंद्रों से 8 हजार कार्यकर्ता संयोजक और सहसंयोजक के रूप में आ जाएंगे। चार हजार शक्ति केंद्र हैं। इसके अलावा हर मंडल, जिलों के सभी पदाधिकारी और कार्यसमिति के सदस्य, मोर्चा, प्रकोष्ठ के भी हर मंडल और जिले के पदाधिकारी आएंगे। ऐसे में संख्या 50 हजार के पार हो जाएगी।