अपेक्स बैंक की बड़ी विफलता, रिजर्व बैंक ने ठोका 25 लाख का जुर्माना

छत्तीसगढ़ में सहकारी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक
रायपुर(realtimes) छत्तीसगढ़ में सहकारी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक राज्य सहकारी बैंक अपेक्स बैंक की एक बड़ी विफलता सामने आई है। इस बैंक की गतिविधियों का निरीक्षण करने के बाद रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने पाया कि यह बैंक ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा की प्रणाली स्थापित करने में विफल रहा है। यही नहीं यह बैंक आरबीआई के निर्देशों का पालन भी सही तरीके नहीं कर पाया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से जुड़े बैजनाथ चंद्राकर बैंक के अध्यक्ष है। उनके माैजूदा कार्यकाल के दाैरान 31 मार्च 2020 को आरबीआई ने बैंक का वैधानिक निरीक्षण किया था।
आरबीआई ने जारी की ये सूचना
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 3 अगस्त 2022 के आदेश द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर (बैंक) पर, ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधानों का अननुपालन करने के लिए ₹25.00 लाख (पच्चीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा बैंक का वैधानिक निरीक्षण किया गया, उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा की प्रणाली स्थापित करने में विफल रहा है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।