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राज्यपाल से सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक नामंजूर करने की मांग

रायपुर(realtimes) छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक 2022 को नामंजूर करने भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा गया।

श्री द्विवेदी ने बताया कि हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस सरकार द्वारा सहकारिता की मूल भावना से खिलवाड़ करते हुए छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम में ऐसे संशोधन किए गए हैं जिससे सरकार के इशारे पर कांग्रेस के लोगों को उपकृत करने के लिए रजिस्ट्रार द्वारा सालों साल तक मनोनीत बोर्ड बनाया जा सकता है। श्री द्विवेदी ने बताया कि पूर्व में किन्हीं विशेष परिस्थिति के कारण यदि सोसाइटी का चुनाव नहीं हो पाता था तो रजिस्ट्रार के लिखित आदेश से मात्र छह माह के लिए प्रशासक की नियुक्ति किए जाने का प्रावधान था और बैंक के मामले में एक वर्ष के अंतर्गत निर्वाचन कराए जाने की अनिवार्यता थी। किंतु उक्त संशोधन विधेयक के माध्यम से उक्त धारा को प्रतिस्थापित करते हुए सरकार की मंशा अनुरूप रजिस्ट्रार जब तक चाहे प्रशासक का कार्यकाल बढ़ा सकता है। अर्थात नामांकित बोर्ड सालों साल तक कार्य कर सकता है। संशोधन विधेयक में निचले स्तर की तीन चौथाई सोसाइटियों के निर्वाचन कराए जाने के बाद ही उससे संबद्ध उच्च स्तर की सोसाइटियों का निर्वाचन कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है, जो न्याय संगत नहीं है।

ज्ञापन देने वाले प्रतनिधि मंडल में भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी, मीडिया प्रभारी सोमेश चंद्र पांडेय, सह मीडिया प्रभारी अमरजीत बक्शी, अभिषेक तिवारी, विकास अग्रवाल, रायपुर ग्रामीण जिला संयोजक शिरीष तिवारी, रायपुर शहर सह संयोजक गीता ठाकुर, विक्रम ठाकुर, आशीष पांडेय, अनामिका शर्मा, अश्वनी वर्मा, माला उपाध्याय शामिल थे।

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