
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड में चल रही प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में व्याप्त कुव्यवस्था पर गहरी नाराजगी जतायी है। उन्होंने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अफसरों को ऐसी यूनिवर्सिटीज की जमीनी हकीकत की जांच करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि जो भी निजी विश्वविद्यालय यूजीसी और सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनकी मान्यता रद्द करने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ करें।
राज्यपाल ने गुरुवार को ये निर्देश अपर मुख्य सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा केके खंडेलवाल, राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी एवं उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्य अफसरों के साथ बैठक के दौरान दिये।
राज्यपाल ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता प्रदान करने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि उसके पास पर्याप्त भूमि, भवन एवं आधारभूत संरचना उपलब्ध हैं। राज्यपाल ने नीलांबर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का हस्तांतरण की समीक्षा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को शीघ्र ही भवन हस्तांतरित किया जाये। उन्होंने झारखंड खुला विश्वविद्यालय के लिए आवश्यक स्टैच्यूट का गठन करने का आदेश दिया गया।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि झारखंड खुला विश्वविद्यालय के पास काम करने की कोई जगह नहीं है तो अगस्त महीने से कैसे अधिकारी काम करेंगे? उन्होंने आदेश दिया कि झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैंपस में एक भवन है जो किसी उपयोग में नहीं है, उसकी जल्द से जल्द आवश्यक मरम्मत करके उसे 3-4 माह के अंदर झारखंड खुला विश्वविद्यालय को दिया जाय, ताकि वहां से उनका कार्य सुचारू रूप से चलाया जा सके।