
उपचुनावों के परिणाम यह बताते हैं कि मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन ने जहां अपनी पकड़ बरकरार रखी है, वहीं राज्य में 2019 में सत्ता गंवाने वाली भाजपा के लिए वापसी की राह बहुत आसान नहीं है। हालांकि यह भी तथ्य है कि जिन चार सीटों पर गठबंधन की जीत हुई है, वह पहले भी उसी के कब्जे में थीं।
गठबंधन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं कि अब तक हुए चारों उपचुनावों में झारखंड और झारखंडियत की जीत हुई है। झूठ, अहंकार, धनबल और शोषण की राजनीति को जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।