
उन्होंने कहा कि, “RKW डेवलपर्स जो कि डीएचएफएल के मालिकों के स्वामित्व की ही एक कंपनी है, उससे 10 करोड़ रुपए लिए। फिर वधावन ग्लोबल कैपिटल लिमिटेड से 10 करोड़ लिया। फिर वधावन परिवार के नियंत्रण वाले दर्शन डेवलपर से साढ़े 7 करोड़ रुपए लिए। तो करीब 28 करोड़ रुपए भारतीय जनता पार्टी ने एक ऐसी कंपनी से लिए जिसने भारत के बैंकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला किया, आम जनता के पैसों को लूटा।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि, “क्या ये जानबूझ कर किया गया, क्या ये क्विड प्रो क्वो था? उनको आपने लाइसेंस दिया, आप धोखाधड़ी करते जाइए और हमें पैसा देते जाइए। क्योंकि किसी भी तौर से इतना बड़ा बैंक फ्रॉड देश में होता है, 34 हजार करोड़ का और वो कंपनी बीजेपी की डोनर कंपनी है। वो बीजेपी को लगातार पैसा दे रही है पिछले 7-8 साल से। ये बात थोड़ी हजम होने में मुश्किल है।”
कांग्रेस ने इस बारे में कुछ सवाल सरकार और बीजेपी से पूछे हैं:
आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी, बीजेपी ने इन बैंक धोखेबाजों से लगातार 28 करोड़ रुपए जैसी मोटी राशि डोनेशन में क्यों ली?
क्या ये राशि रिश्वत थी, इन लोगों को धोखाधड़ी करने देने के लिए?
ये स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री आवास योजना मात्र एक कंपनी ने 14 हजार करोड़ का चूना लगाया, 1,800 करोड़ की इंट्रेस्ट सब्सिडी ली, 2 लाख 60 हजार फर्जी होम लोन अकाउंट बना दिए। अगर प्रधानमंत्री आवास य़ोजना में एक कंपनी अकेले ऐसा कर रही है, तो क्या प्रधानमंत्री आवास योजना का ऑडिट हुआ कि ऐसी कोई अन्य कंपनियां इस तरह की जालसाजी ना कर रही हों
और अगर ऑडिट हुआ है, तो उसके दस्तावेज, उसका रिजल्ट सामने आना चाहिए