मूल विभाग में लौटे दो पॉवर कंपनियों के अधिकारी, कर्मचारी

रायपुर(realtimes) छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी की दो कंपनियां होल्डिंग और ट्रेडिंग कंपनी काे समाप्त करने का फैसला ताे हाे चुका है और यह एक अप्रैल से लागू भी कर दिया गया है, लेकिन कंपनियाें के विलय में समय लग रहा है। इस समय पॉवर कंपनीज में विलय की प्रक्रिया चल रही है। दो एमडी की विदाई हो गई है। अब दोनों कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों को मूल विभाग में भेजा गया है। इसके लिए कंपनी रजिस्टार को पूरी जानकारी दी गई है। इसका प्रकाशन भी राजपत्र में हाे गया है। इस माह से सभी अपने मूल विभाग में लौट गए हैं और सभी को मूल विभाग से ही वेतन मिलेगा।
प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार आने के बाद से ही पाॅवर कंपनी के एकीकरण को लेकर पिछले तीन साल से कवायद चल रही थी। पाॅवर कंपनी ने मई 2019 में ही अपनी तरफ से तीन तरह के प्रस्ताव बनाकर ऊर्जा विभाग को भेज दिए थे। इसके बाद से इसको लेकर कोई न कोई अचड़न आती रही। लेकिन अंतत: इस साल एक मई को कैबिनेट की बैठक में दो कंपनियों के विलय की मंजूरी के साथ ही दो कंपनियों का बंद होना तय हो गया। अब इन कंपनियों का विलय किया जा रहा है। इसको लेकर पॉवर कंपनीज में काम चल रहा है।
अब रहेंगे तीन एमडी
दो कंपनियों के विलय होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन कंपनियों में काम करने वालों का क्या होगा। पाॅवर कंपनी के अधिकारी कहते हैं, ट्रेडिंग कंपनी में तो गिनती के 8-10 लोग हैं। ये लोग भी दूसरी कंपनी से आए हैं। जहां तक होल्डिंग कंपनी का सवाल है तो इसमें 50 से कुछ ज्यादा का स्टॉफ है। यह स्टॉफ भी ट्रांसमिशन, वितरण और उत्पादन कंपनी से आया है। होल्डिंग कंपनी का भले नाम नहीं रहेगा, लेकिन इसका पूरा स्टॉफ अपना काम करेगा। इसका ट्रांसमिशन कंपनी में विलय कर दिया गया है। इसी तरह से ट्रेडिंग कंपनी का वितरण कंपनी में विलय किया गया है। सिर्फ दो एमडी के पद प्रभावित हुए हैं। होल्डिंग कंपनी की एमडी उज्जवला बघेल को ट्रांसमिशन कंपनी का एमडी बना दिया गया है। ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी संजय तेलंग की विदाई हो गई है। इधर अचानक वितरण कंपनी के एमडी हर्ष गौतम की विदाई कर दी गई। वे भी रिटायर होने के बाद एमडी बने थे, ऐेसे में वे विदा हो गए। उनके स्थान पर मनोज खरे को नया एमडी बनाया गया है।