तीन टैरिफ के जाल में फंसीं रोलिंग मिलों को अब मुख्यमंत्री से ही राहत का भरोसा

रायपुर(realtimes) स्टील सेक्टर से जुड़े रोलिंग मिलों के सामने महंगी बिजली को लेकर अलग तरह की परेशानी है। एक ही वर्ग के उपभोक्ता होने के बाद भी रोलिंग मिलों में अलग-अलग तीन तरह के टैरिफ पॉवर कंपनी ने तय किए हैं। दो साल से परेशान चल रहे रोलिंग मिलों ने अपने एसोसिएशन के माध्यम से बिजली नियामक आयोग से टैरिफ को लेकर गुहार लगाई और कहा है कि एक ही परिवार के तीन भाईयों का टैरिफ अलग कैसे हो सकता है। इसको ठीक करने की मांग की गई है। नए टैरिफ में इसमें राहत की उम्मीद की गई थी। राहत तो नहीं मिली है, पर 15 पैसे प्रति यूनिट का और फटका लग गया है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर एसोसिएशन मदद की गुहार लगाएगा।
नए सत्र के टैरिफ के लिए कीमत तय करने से पहले जब नियामक आयोग ने सभी वर्ग के उपभोक्ताओं काे अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया ताे इसमें जहां बिजली की कीमत न बढ़ाने की मांग सामने आई है। वहीं रोलिंग मिलाें ने अपनी अलग तरह की परेशानी से आयोग को अवगत कराया, लेकिन रोलिंग मिलों की मांग पर कुछ नहीं किया गया है। इस मामले में नियामक आयोग का कहना है, इसको बदलना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसको पॉवर कंपनी ही बदल सकती है।
तीन टैरिफ से परेशानी
रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया, रोलिंग मिलों में तीन तरह के टैरिफ हैं जो न्याय संगत नहीं हैं। जो सबसे ज्यादा सौ की संख्या में स्टेट एलोन रोलिंग मिलें हैं उनको 8 से 9 रुपए यूनिट में बिजली मिलती है। इन मिलों के जाे उपभोक्ता ज्यादा खपत करते हैं, उनको आठ से साढ़े आठ रुपए प्रति यूनिट में बिजली मिलती है। जो कम खपत करते हैं उनको 9 रुपए प्रति यूनिट लगते हैं। जो 40 रोलिंग मिलें मिनी स्टील प्लांटों के साथ हैं, उनको 5.50 रुपए में बिजली मिलती है, क्योंकि मिनी स्टील प्लांट वालों का यही टैरिफ है। जो 20 रोलिंग मिलें स्पंज आयरन के पॉवर सेक्टर के साथ हैं, उनको 7.50 रुपए में बिजली पड़ती है, क्योंकि इनका टैरिफ यही तय है।
सबसे ज्यादा टैरिफ उनके जिनकी मिलें अधिक
ऐसे में तीन तरह के टैरिफ के चलते सबसे ज्यादा उनका टैरिफ है जो मिलें सबसे ज्यादा हैं। श्री अग्रवाल का कहना है, तीन तरह के टैरिफ को एक करने के साथ ही फिक्स शुल्क को कम करने की मांग आयोग के सामने रखी गई थी, लेकिन आयोग ने किसी तरह की राहत नहीं दी है, बल्कि हमारे वर्ग की बिजली की कीमत में 15 पैसों का इजाफा हो गया है। ऐसे होने से रोलिंग मिलों के बंद होने का खतरा हो गया है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर उनके सामने अपनी समस्या रखेंगे। भरोसा है, वहां से कुछ मदद मिलेगी।