
रेस्टोरेंट, ठेले, खोमचों के साथ हर बाजार में पहले जैसी उमड़ने लगी भीड़
रायपुर(realtimes) कोरोना के कहर के 11 माह बाद अब जाकर प्रदेश के सारे बाजार पहले की तरह गुलजार हो गए हैं। जहां तक अन्य सेक्टरों का सवाल है को कुछ सेक्टर जैसे होटल, टूर एडं ट्रेवल्स, बसें, मल्टीप्लेक्स को छोड़कर बाकी सेक्टरों में पुरानी रफ्तार लौट आई है। रेस्टोरेंट से लेकर सड़कों पर लगने वाले ठेके, खोमचों में पहले की तरह खाने के शौकीनों का जमावड़ा लगने लगा है। पेट्रोल और डीजल की खपत पहले जैसी होने लगी है।
कोरोना का कहर अभी पूरी तरह से थमा नहीं है, लेकिन वैक्सीन आने के बाद अब उन सभी सेक्टरों की सांसें लौट आई हैं जिनकी सांसे पूरी तरह से लाकडाउन में बंद हो गई थीं। लॉकडाउन के तीन माह के दौर ने सबको परेशानी में डाल दिया था। लोगों को खाने के लाले पड़ गए थे। थोक में नौकरी गईं, काम धंधे बंद हो गए थे। अब जाकर बहुत कुछ सामान्य हो गया है।
पेट्रोल-डीजल की रोज 55 लाख लीटर खपत
पेट्रोल और डीजल की प्रदेश में अब पहले की तरह रोज की 55 लाख लीटर की खपत होने लगी है। इसमें से 22 लाख लीटर पेट्रोल और 33 लाख लीटर डीजल है। प्रदेश में करीब 14 सौ पेट्रोल पंप हैं, अब सारे पेट्रोल पंपों में पहले जैसी खपत होने लगी है। राजधानी रायपुर में ही रोज की खपत दस लाख लीटर है। इसमें से साढ़े तीन लाख लीटर पेट्रोल और साढ़े छह लाख लीटर डीजल की खपत होती है। छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम संघ के अध्यक्ष अखिल धगट का कहना है, लॉकडाउन में खपत 10 से 15 प्रतिशत रह गई थी, अब सौ फीसदी खपत हो रही है।
रेस्टोरेंट, ठेके, खोमचे गुलजार
लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित रेस्टोरेंट, मिठाई दुकानों के साथ ठेले और खोमचे वाले हुए थे। इनका पूरा धंधा चौपट हो गया था। अब जहां रेस्टोरेंट में लोग पहले की तरह आने लगे हैं, वहीं ठेके, खोमचों में पहले जैसी भीड़ लगने लगी है। मिठाई की दुकानें भी आबाद हो गई है। राजधानी रायपुर के साथ प्रदेश भर में एक लाख से ज्यादा ठेले, खोमचों में चाट, गुपचुप, चाय, नाश्ते का कारोबार होता है। यह कारोबार रोज का सौ करोड़ तक होता है। कारोबर बंद होने से इसका कारोबार करने वालों को खाने के लाले पड़ गए थे।
ट्रक, आटो की लौटी रफ्तार
प्रदेश में तीन लाख नेशनल परमिट वाले ट्रक हैं। लॉकडाउन में सबके पहिए थम गए थे। तीन लाख से ज्यादा ड्राइवर और इनके सहायक बेरोजगार हो गए थे। इनको कुछ समय तक तो मालिकों ने वेतन दिया, लेकिन बाद में इनको वेतन देने में परेशानी होने लगी। अब सभी ट्रकें वापस दौड़ने लगी हैं। इधर सवारी आटो की भी रफ्तार पहले जैसी हो गई है। रायपुर के साथ पूरे प्रदेश में आटो पहले की तरह चलने लगे हैं।
हर बाजार गुलजार
लॉकडाउन में किराना, मेडिकल, सब्जी, दूध को छोड़कर बाकी बाजारों में तालाबंदी थी। सारे सेक्टर परेशानी में रहे। अब इन सारे सेक्टर, सराफा, कपड़ा, इलेक्ट्रानिक्स, मोबाइल, हार्डवेयर, एसी, कूलर, प्रिज, बर्तन, फर्नीचर से लेकर हर बाजार गुलजार हो गया है। इन बाजारों में पहले की तरह रौनक लौटी है। इसी के साथ खरीदारी भी जमकर होने लगी है। मॉल्स और शापिंग कांप्लेक्स भी पहले की तरह चलने लगे हैं।
इनको अभी इंतजार
जो सेक्टर अब तक पूरी तरह से गुलजार नहीं हो सके हैं, उसमें टूर एंड ट्रेवल्स में अब तक 60 फीसदी रफ्तार ही लौटी है। व्यास ट्रेवल्स के हरेंद्र व्यास का कहना है, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में दुबई और मालदीप जाने की ही छूट है। यूरोपीय देशों के साथ बाकी देशों की उड़ानें बंद हैं। ऐसा होने से लोगों का बाहर जाना बंद है। देश में भी वहीं लोग बाहर जा रहे हैं जिनको काम हैं। घुमने के नाम पर ज्यादातर लोग बाहर जाने से कतरा रहे हैं। होटलों के बारे में होटल एंड रेस्टोरेंट संघ के अध्यक्ष तरनजीत सिंह होरा का कहना है, रेस्टोरेंट का कारोबार तो पटरी पर आ गया है, पर होटलों में कमरे मुश्किल से 25 प्रतिशत ही बुक हो रहे हैं। बस संचालक संघ के अनवर अली का कहना है, लंबी दूरी की बसें 60 फीसदी ही चल पा रही हैं। छोटी दूरी की बसों की हालात और खराब है। इनका 30 फीसदी ही संचालन हो रहा है। ट्रेनों के न चलने के कारण सवारी नहीं मिल पाती है। मल्टीप्लेक्स और टॉकीजों को पूरी सौ फीसदी क्षमता के साथ खोलने की मंजूरी जरूर मिली है, लेकिन नई फिल्में न आने के कारण दर्शन नहीं आ रहे हैं। ज्यादातर मल्टीप्लेक्स खुले भी नहीं हैं।