बच्चों से बात करते समय बेहद सावधानी रखें – प्रभा दुबे

रायपुर. बाल कल्याण समितियों के समक्ष जो भी बच्चे आएं उनकी जगह अपने बच्चे को रखकर सोचें और बच्चों के सर्वोत्तम हित में निर्णय दें।
अनेक ऐसे प्रकरण हैं जिनमें माता पिता को बच्चों के वापस अपनाने में कठिनाई होती है । इस हेतु पालकों को मनोवैज्ञानिक सलाह देकर उनकी काउंसलिंग करें ।ये उद्गार आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने आज को रायपुर स्थित आयोग कार्यालय में रायपुर संभाग के बाल कल्याण समितियों के अध्यक्ष व 2 सदस्यों से परिचर्चात्मक समीक्षा बैठक लेते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि बच्चे अधिकांशतः देखकर सीखते हैं ना कि शिक्षा से एवम बाल कल्याण समिति के द्वारा बच्चों से संव्यवहार करते समय बच्चों के सामने उत्कृष्ट व्यवहार का प्रदर्शन करना चाहिए।
इस अवसर पर आयोग के सचिव प्रतीक खरे ने बाल अधिकारों पर विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बाल कल्याण समितियों से अपेक्षित भूमिका को स्पष्ट किया । उपस्थित प्रतिभागियों ने प्रदेश में बच्चों के लिए नशामुक्ति केंद्र न होने,प्रत्येक जिले में बालिका गृह न होने,विशेष शिक्षकों की कमी,नवनियुक्त पदाधिकारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण न मिलने एवम पीडित बच्चों का सामाजिक पुनर्वास में समाज व परिवार द्वारा न अपनाने सबंधी कठिनाइयां रखीं। बैठक में बाल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु चन्द्रकिशोर लाड़े जिला बाल संरक्षण अधिकारी राजनांदगांव प्रवीण सोनवानी समन्वयक रेलवे चाइल्ड लाइन को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया गया। समीक्षा बैठक में कोविद 19 महामारी को ध्यान में रखकर समस्त सुरक्षात्मक व्यवस्थाएं भी की गईं थीं।