नेताजी सुभाष चंद्र बोस 125वीं जयंती : बीजेपी का ‘पराक्रम दिवस’ चुनावी पैंतरा, ये दिन तो ‘देशप्रेम दिवस’ के रूप में मनाना चाहिये था, टीएमसी सांसद का बयान

इंटरनेट डेस्क। केंद्र सरकार ने आज यानि मंगलवार सुबह ही ये घोषणा की थी कि केंद्र सरकार अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाएगी। इसको लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीति छिड़ गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक वरिष्ठ नेता ने इसपर सवाल खड़े किए हैं।
Declaration of ‘Parakram Diwas’ has been made with eye on upcoming WB Assembly elections. We don’t appreciate politics in Netaji’s name. If the PM wanted to do it, he could have done it 6 months ago, why on the eve of Netaji’s birthday & Assembly elections in state: Saugata Roy https://t.co/bdB3dCeUoD— ANI (@ANI) January 19, 2021
टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया है कि आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को लेकर ही ‘पराक्रम दिवस’ की घोषणा की गई है। हम नेताजी के नाम पर राजनीति की सराहना नहीं करते। अगर पीएम मोदी ऐसा करना चाहते थे, तो वह 6 महीने पहले कर सकते थे, क्यों राज्य में विधानसभा चुनावों और उनकी जयंती से पहले ये फैसला किया गया। ये हम सब जानते हैं।
उन्होंने कहा कि हम नेताजी के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने के भारत सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। यह दिन तो ‘देशप्रेम दिवस’ के रूप में मनाना चाहिये। हमारा मानना है कि नेताजी काफी बेहतर हैं। हम इस दिन ममता बनर्जी के साथ राज्य में एक जुलूस की अगुवाई करेंगे।