तीन वर्षो से आरटीई की आधी सीटें खाली

रायपुर। उच्च न्यायालय बिलासपुर ने वर्ष 2016 में यह स्पष्ट आदेश दिया था कि निजी स्कूलों में आरटीई के अंतर्गत एक भी सीट्स रिक्त नहीं होनी चाहिए, लेकिन इस आदेश का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है, क्योंकि विगत तीन वर्षो से लगभग आधी सीटों पर भर्ती हो रहा है और रिक्त सीटों को भरने को कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि प्रत्येक वर्ष हजारों पात्र गरीब बच्चों को जान-बुझकर सुनियोजित ढ़ंग से निःशुल्क शिक्षा से वंचित किया जा रहा है, जिसको लेकर हमारे द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को लगातार जानकारी दिया जा रहा है लेकिन विभाग इस गंभीर मामले को लेकर गंभीर नही है।
श्री पॉल का कहना है कि प्रदेश में गरीबों की संख्या बढ़ते जा रही है, लेकिन गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के लिये प्रायवेट स्कूलों में प्रवेश देने की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हो रहा है जो चिंता का विषय है।
श्री पॉल ने बताया कि उनके द्वारा लगातार स्कूल शिक्षा विभाग और डीपीआई को यह सुझाव दिया जा रहा है कि यदि तहसीलदार द्वारा आय प्रमाण पत्र और खाद्य विभाग द्वारा जारी गरीबी रेखा कार्ड को मान्य कर दिया जावे तो आरटीई के अंतर्गत प्रायवेट स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा गरीब बच्चों को प्रवेश मिल पायेगा, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।