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पाक के ना-पाक हमले नाकाम

  • भारत ने लाहौर-कराची में एयर डिफेंस सिस्टम उड़ाया
  • सुदर्शन चक्र ने दुश्मन के हर वार का दिया मुंहतोड़ जवाब
  • सेनाओं ने सरकार को दिलाया भरोसा- सभी नापाक मंसूबों का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा
  • शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने लड़ाकू वर्दी पहनकर हर स्थिति का माकूल जवाब देने का संदेश दिया
  • बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्री ने शीर्ष सैन्य नेतृत्व से मौजूदा हालात के बारे में जानकारी ली

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बड़े पैमाने पर किए गए पाकिस्तानी ड्रोन हमले को विफल करने के बाद हालात पर शुक्रवार को चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को साउथ ब्लॉक में दो घंटे चली इस समीक्षा बैठक में शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने लड़ाकू वर्दी पहनकर हर तरह का मुकाबला करने का संदेश दिया। देश की वर्तमान सुरक्षा स्थिति पर तीनों सेनाओं ने सरकार को भरोसा दिलाया कि राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी नापाक मंसूबों का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा। रक्षा मंत्री के साथ सीडीएस जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह और रक्षा सचिव आरके सिंह सहित सेना के शीर्ष अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

यह बैठक ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों पर भारत की जवाबी कार्रवाई के मद्देनजर हुई, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद भारतीय सेना ने 8 और 9 मई की मध्यरात्रि के दौरान पश्चिमी सीमा और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से किए गए कई ड्रोन हमलों को नाकाम किया। भारतीय सेना ने कहा कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों ने 8 और 9 मई की मध्यरात्रि को पूरे पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और अन्य हथियारों का उपयोग करके कई हमले किए। पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कई संघर्ष विराम उल्लंघन (सीएफवी) भी किए। ड्रोन हमलों को प्रभावी ढंग से विफल किया गया और सीएफवी को मुंहतोड़ जवाब दिया गया। भारतीय सेना राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नापाक मंसूबों का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा।

रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारत में निर्मित आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली का भारतीय सशस्त्र बलों ने भारतीय लक्ष्यों पर पाकिस्तानी हमलों को विफल करने में प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। भारतीय सेना और वायु सेना दोनों के पास पाकिस्तान सीमा पर मिसाइल प्रणाली है। रक्षा अधिकारियों के अनुसार स्वदेशी रूप से विकसित आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली ने गुरुवार को भारतीय संपत्तियों को निशाना बनाने वाले पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना और वायु सेना दोनों ने पाकिस्तान सीमा पर मिसाइल प्रणाली तैनात की है।

आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो मोबाइल, अर्ध-मोबाइल और स्थिर कमजोर बलों और क्षेत्रों को कई हवाई खतरों के खिलाफ क्षेत्र की वायु रक्षा प्रदान करती है। इस प्रणाली में अत्याधुनिक विशेषताएं और क्रॉस-कंट्री मोबिलिटी है। वास्तविक समय में मल्टी-सेंसर डेटा प्रोसेसिंग और खतरे का मूल्यांकन किसी भी दिशा से कई लक्ष्यों को एक साथ निशाना बनाने में सक्षम बनाता है।

कल रात जब पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं (आईबी) के साथ विभिन्न स्थानों पर झुंड ड्रोन भेजने के प्रयास किए, तो भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने उधमपुर, सांबा, जम्मू, अखनूर, नगरोटा और पठानकोट क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किए गए काउंटर-ड्रोन आॅपरेशन के दौरान 50 से अधिक ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्प्रभावी कर दिया। इस कार्रवाई में एल-70 गन, जू-23 मिमी, शिल्का सिस्टम और अन्य उन्नत काउंटर-यूएएस उपकरणों का व्यापक उपयोग किया गया, जिससे हवाई खतरों का मुकाबला करने की सेना की मजबूत क्षमता का प्रदर्शन हुआ।

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