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राज्यसभा में सोनिया ने उठाया मनरेगा का मुद्दा

  • मोबाइल निगरानी प्रणाली की आवश्यकताओं को हटाया जाए
  • सीमा द्विवेदी ने जंघई और प्रतापगढ़ के बीच रेलवे अंडर पास बनाने की मांग की
  • रेलवे की अनुदान मांगें लोकसभा से पारित, हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आज राज्यसभा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए बजट आवंटन का मुद्दा उठाया और कहा कि यह केंद्रीय बजट 2025 में स्थिर रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस योजना में लोगों के लिए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन किए जाने की मांग की।सदन में शून्यकाल के दौरान मनरेगा का मुद्दा उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली, मजदूरी भुगतान में लगातार देरी और मुद्रास्फीति की भरपाई के लिए अपर्याप्त मजदूरी दरें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की गहरी चिंता है कि वर्तमान सरकार ने इस योजना को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है और बजट आवंटन 86,000 करोड़ रुपये पर स्थिर है।

आवंटित बजट में वास्तव में 4,000 करोड़ रुपये की कमी आई है। इसके अलावा अनुमान बताते हैं कि आवंटित धन का लगभग 20 प्रतिशत पिछले वर्षों के लंबित बकाये को चुकाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।सोनिया ने कहा कि इन ज्वलंत चिंताओं के मद्देनजर कांग्रेस मांग करती है कि लाखों ग्रामीण गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच के रूप में इस योजना को बनाए रखने और इसे विस्तार देने के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किया जाए। न्यूनतम दैनिक मजदूरी 150 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये की जाए और समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए। अनिवार्य आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की आवश्यकताओं को हटाया जाए। इसके साथ ही गारंटीकृत कार्य दिवसों में प्रति वर्ष 100 से 150 दिन तक की वृद्धि सुनिश्चित की जाए। ये उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं ताकि मनरेगा सम्मानजनक रोजगार और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करे।

शून्यकाल के दौरान कुछ अन्य सदस्यों ने भी अलग-अलग मुद्दे उठाए जिनमें भाजपा की सीमा द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश में जंघई और प्रतापगढ़ के बीच ग्राम सभा नडार में रेलवे अंडर पास बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अंडर पास के अभाव में लोग रेलवे लाइन पार करते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटना में लोगों की जान चली जाती है।राजद के संजय यादव ने बिहार में केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय खोलने की मांग उठाई।उन्होंने कहा कि देश में साक्षरता और स्कूल ड्रॉप आउट औसत दर बिहार में सर्वाधिक है लेकिन इस बार सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों में नए विद्यालयों को खोलने की जो मंजूरी दी है, उसमें बिहार में एक भी विद्यालय नहीं है, जो चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि पूर्णिया जिले में तो जिस भवन में विद्यालय चल रहा है, वह बिल्डिंग भी अपनी नहीं है।बीजद के मुजीबुल्ला खान ने ओडिशा में सिंथेटिक लैब की टेस्टिंग मशीन 15 साल से खराब होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसके अभाव में नीदरलैंड और इटली आदि देशों से टेस्टिंग करानी पड़ रही है, जिसमें कमीशनखोरी का खेल हो रहा है। मशीन की रिपेयरिंग के लिए 2021 में 40 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इसके बावजूद यह भ्रष्टाचार क्यों है? इसकी जांच कराई जाए। दूसरी तरफ लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महाकुंभ पर दिए गए वक्तव्य के बाद विपक्ष के हंगामें के चलते कार्रवाई पहले एक बजे और बाद में रेलवे की अनुदान मांगों के पारित होने के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।लोकसभा में आज शून्य काल के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ पर विशेष वक्तव्य दिया।

उनके वक्तव्य के बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष मुद्दे पर सवाल जवाब चाहता था। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियम 372 के तहत स्वेच्छा से मंत्री एवं प्रधानमंत्री अपना वक्तव्य दे सकते हैं। उसके बाद कोई सवाल जवाब नहीं होता है।इसके बाद शून्य काल में कुछ सदस्यों ने अपना विषय रखा लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही को 01 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। एक बजे दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर रेलवे की अनुदान मांगों पर रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कल हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान भी विपक्ष ने हंगामा किया।

इसी बीच मंत्री के जवाब के बाद अनुदान मांगों को सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।रेलवे की अनुदान मागों के बाद जलशक्ति मंत्रालय से जुड़ी मांगों पर सदन ने विचार शुरू किया। बाद में हंगाम बढ़ते देख पीठासीन अधिकारी साधना राय ने कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।

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