ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल शुरु, नतीजों पर दुनिया की नजर

नईदल्ली, (Realitmes) दुनिया को कोरोना वायरस से मुक्ति दिलाने के लिए ब्रिटेन में दुनिया का सबसे बड़ा ट्रायल शुरू हो गया है, ब्रिटेन में अप्रत्याशित तरीके से शुरू होने जा रहे, इस ड्रग ट्रायल के नतीजों पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं. ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले कुछ सप्ताह में कोरोना वायरस को लेकर चमत्कार हो सकता है.
शोधकर्ता एक माह में 200 अस्पतालों में पांच हजार से ज्यादा लोगों पर टीके का परीक्षण करेंगे। इस टीके की सफलता की 80 फीसदी संभावना है। पशुओं पर इसका परीक्षण बेहद सफल रहा है। पहले परीक्षण में दो लोगों को टीका लगाया गया है, इनमें एलिसा ग्रेनाटो नामक महिला वैज्ञानिक भी शामिल हैं। अगर यह परीक्षण सफल रहता है तो करीब दो लाख लोगों की जान लेने वायरस के खात्मे का रामबाण इलाज दुनिया को मिल सकेगा और दोबारा यह महामारी सिर नहीं उठा सकेगी।
ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं ने चिंपैंजी में मिले ऐसे वायरस के जरिये तैयार टीके के पहले चरण में गुरुवार को 18 से 55 साल के 510 वालंटियर को खुराक दी। शोध निदेशक प्रोफेसर सारा गिलबर्ट का दावा है कि टीके का इंसानों पर कोई शारीरिक दुष्प्रभाव नहीं होगा।
जून में प्रारंभिक नतीजों के बाद सितंबर तक टीके की करीब दस लाख खुराक तैयार की जाएंगी, जिससे मंजूरी मिलने के बाद तेजी से इसे बांटा जा सके। यूनिवर्सिटी का दावा है कि टीका छह माह में तैयार हो सकता है, क्योंकि यह कोरोना के सार्स जैसे पहले वायरस से काफी मेल खाता है।
जर्मनी में भी बायोनटेक और अमेरिकी कंपनी फाइजर द्वारा तैयार टीके को भी बुधवार मनुष्यों पर परीक्षण करने की मिल गई थी। जर्मन कंपनी परीक्षण के पहले चरण में 18 से 55 साल के 200 वालंटियर को खुराक देगी।
70 देशों के 150 से ज्यादा संस्थान होड़ में
दुनिया भर में 70 देशों के 150 से ज्यादा शोध संस्थान और कंपनियां टीके के विकास में जुटे हैं, लेकिन जर्मनी और ब्रिटेन समेत पांच ही ऐसी परियोजनाएं हैं, जिन्हें पशुओं के बाद मानवों पर परीक्षण को मंजूरी मिल चुकी है। जुलाई-अगस्त तक अमेरिका में भी यह परीक्षण शुरू हो जाएगा।