गणेश विसर्जन की लेज़र लाइट से आंख खराब, हर साल बढ़ रही है ऐसी घटनाएं
रायपुर. गणेश विसर्जन के दौरान एक 19 वर्षीय युवक की आंखों को गंभीर क्षति पहुंची, जब जुलूस में इस्तेमाल की जा रही लेजर लाइट ने उसकी बाईं आंख की दृष्टि को प्रभावित कर दिया। युवक, गणेश यादव, जो विसर्जन जुलूस में झांकी का हिस्सा था, ने लेजर लाइट के सीधे संपर्क में आने के बाद आंखों में कमजोरी महसूस की और रायपुर के एक नेत्र विशेषज्ञ, डॉ. दिनेश मिश्र के अस्पताल में जांच के लिए पहुंचा।
जांच के दौरान यह पाया गया कि युवक की बाईं आंख की दृष्टि कमजोर हो गई है, जबकि दाहिनी आंख सामान्य थी। रायपुर मेडिकल कॉलेज के नेत्र एवं रेटिना विशेषज्ञ, डॉ. प्रांजल मिश्र द्वारा की गई विस्तृत जांच में पता चला कि लेजर किरणों के प्रभाव से बाईं आंख के रेटिना में रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे खून पर्दे में जमा हो गया है और दृष्टि कमजोर हो गई है।
लेजर लाइट से दृष्टि को खतरा:
डॉ. प्रांजल मिश्र ने बताया कि जुलूसों और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस्तेमाल होने वाली लेजर लाइट अक्सर 3D, 3B या 4 कैटेगरी की होती हैं, जो अत्यधिक तीव्रता वाली होती हैं। यह लाइट्स आंखों के लिए अत्यंत हानिकारक साबित हो सकती हैं। एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) के अनुसार, पांच मिलीवाट से अधिक तीव्रता वाली लेजर किरणों का उपयोग निषेध है, खासकर ब्लू स्पेक्ट्रम की किरणें जो आंखों के रेटिना को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
डॉ. मिश्र ने कहा, “कई बार मरीजों को यह पता ही नहीं चलता कि उनकी आंखों को कितनी गंभीर क्षति पहुंच चुकी है। लेजर लाइट्स से रेटिना में खून का बहाव हो सकता है और रेटिना में छेद तक हो सकता है। ऐसे मामलों में मरीजों को तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए ताकि समय रहते उचित उपचार किया जा सके और उनकी दृष्टि बचाई जा सके।”
प्रत्येक वर्ष बढ़ते मामले:
डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि हर साल गणेश विसर्जन और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। अधिक क्षमता वाली लेजर लाइट्स के इस्तेमाल से लोगों की दृष्टि को खतरा होता है। “ऐसी गैदरिंग्स में उच्च तीव्रता की लेजर लाइट्स का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे किसी भी व्यक्ति को दृष्टिहीनता का सामना करना पड़ सकता है,” उन्होंने कहा।
इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए डॉक्टरों ने सलाह दी है कि आयोजकों को लेजर लाइट्स के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए और केवल अनुमोदित तीव्रता वाली लाइट्स का ही उपयोग करना चाहिए। वहीं, लोगों को भी इस तरह के खतरों से अवगत रहना चाहिए ताकि अनजाने में कोई दुर्घटना न हो।