कोरना वायरस: अमेरिका के बाद चीन पर ब्रिटेन-फ्रांस भी सख्त

नईदिल्ली, (Realtimes) हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना को चीनी वायरस कहकर चीन की मंशा पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद चीन ने इसका जबर्दस्त विरोध किया था. लेकिन, अब फ्रांस और ब्रिटेन ने भी चीन से सवाल किया है कि आखिर कोरोना वायरस चीन के खास इलाके में सीमित रहकर पूरी दुनिया में कैसे फैल गया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन का कामकाज संभाल रहे विदेश मंत्री डॉमिनिक राब और फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैनुअल मैक्रों ने चीन पर सीधे सवाल दागे हैं।
चीन के साथ संबंधों पर पड़ेगा असर – ब्रिटेन
ब्रिटेन के फॉरन सेक्रटरी डॉमिनिक राब ने कहा कि इस त्रासदी का असर चीन के साथ संबंधों पर पड़ेगा । उन्होंने कहा है कि ब्रिटेन इस महामारी के फैलने के कारणों की गहन जांच की मांग करेगा, इसके साथ ही यह भी जानना चाहेगा कि इसे पहले रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुईं, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की गैरमौजूदगी में राब ने यह प्रतिक्रिया G7 देशों की टेलिफोन वार्ता के बाद दी।
चीन ने नहीं निभाई जिम्मेदारी: मैक्रों
उधर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी कोरोना वायरस से निपटने को लेकर चीन के रवैये पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि ऐसी भी चीजें हुईं जिनके बारे में किसी को नहीं पता। इससे पहले फ्रांस में चीन के राजदूत को पैरिस तलब किया गया और चीनी दूतावास की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख पर आपत्ति जताई गई। इस आर्टिकल में यूरोपीय देशों पर आरोप लगाया गया था कि इन देशों में बुजुर्गों को केयर होम्स में मरने के लिए छोड़ दिया गया है। बाद में तलब किए गए राजदूत ने आर्टिकल के गलतफहमी से प्रकाशित किए जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
वुहान में बढ़ाया मरने वालों का आंकड़ा
इस सबके बीच चीन ने वुहान में कोरोना से मरने वालों की संख्या में 50% बढ़ा दी। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि कोरोना वायरस से वुहान में अब तक 3,869 लोगों की मौत हुई है। चीन ने संशोधित आंकड़े में 1,290 लोगों के नाम बढ़ाए हैं। माना जा रहा है कि चीन ने वुहान शहर में अस्पतालों के पूरा भर जाने से घरों में दम तोड़ने वाले लोगों के नाम कोरोना वायरस से मारे गए लोगों की सूची में शामिल नहीं था।