केंद्र में नहीं टिकेगी एनडीए सरकार: अखिलेश
कोलकाता में शहीद दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए सपा प्रमुख
शहीद दिवस के मंच से ममता की हुंकार- बंगाल ही देश को बचाएगा
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ रविवार को कोलकाता में शहीद दिवस कार्यक्रम पर मंच साझा करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने एनडीए सरकार को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प व्यक्त किया और ममता बनर्जी के नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने दावा किया कि केंद्र में एनडीए की सरकार अधिक दिनों तक नहीं टिकेगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली में सत्ता बनाए रखने के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं। जब जनता जागती है, तो उनकी झूठे प्रचार ध्वस्त हो जाते हैं। हम नकारात्मक राजनीति नहीं करते, बल्कि सकारात्मक राजनीति करते हैं। हमें जनता के जीवन में बदलाव लाने के लिए एकजुट होना होगा। अखिलेश ने ममता बनर्जी के संघर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि सांप्रदायिक ताकतें सिर उठा रही हैं।
अगर आप जैसे लोग ममता जी के साथ खड़े रहेंगे, तो वह सभी साजिशों का मुकाबला कर सकेंगी। उन्होंने ममता के कार्यकतार्ओं के समर्पण और उनकी नेतृत्व क्षमता की भी तारीफ की। अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी के साहसिक और निस्वार्थ नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि ममता दीदी के पास ऐसे कार्यकर्ता हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बिना लड़ाई लड़ते हैं।
आज मैं यहां हूं, यह दर्शाता है कि ममता दीदी के दिल में अपने कार्यकर्ताओं के लिए कितना सम्मान है। अखिलेश यादव ने अंत में ममता बनर्जी के नेतृत्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि हम ममता बनर्जी के साथ मिलकर देश को एक नई दिशा देने के लिए तैयार हैं। भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। इस कार्यक्रम में अन्य नेताओं ने भी अपनी बातें रखीं।
तृणमूल के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बताया कि वह पिछले एक-डेढ़ महीने से पार्टी की योजनाओं का मूल्यांकन कर रहे थे और जल्द ही इसके परिणाम सामने आएंगे। नयाग्राम के विधायक दुलाल मुर्मू ने सांताली भाषा में अपनी बात रखी, जबकि बागदा की विधायक मधुपर्णा ठाकुर ने भाजपा पर कड़ा प्रहार किया। ममता ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए दावा किया कि केंद्र में अधिक दिनों तक एनडीए की सरकार नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा कि बंगाल ही इसका रास्ता दिखाएगा। ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दिया कि वे किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई गलती करेगा, तो उसे नहीं छोड़ा जाएगा। हम गिरफ्तार करेंगे। आप गलत काम न करें और न ही गलत सहें। महिलाओं का सम्मान करें। उन्होंने यह भी जोर दिया कि पार्टी में किसी के खिलाफ शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
ममता ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि वे लोभ न करें और जो कुछ उनके पास है, उसी से संतुष्ट रहें। उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि आप गरीब रहें। इसका मतलब है, जो आपके पास है, उससे संतुष्ट रहें। हमें लालच नहीं करना चाहिए। ममता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे उनके काम में बाधा डालने के लिए अदालत का सहारा लेते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा आंदोलन में कुछ नहीं कर सकती। मेरे पास 10 लाख सरकारी नौकरियां हैं, लेकिन जब भी मैं कुछ करने जाती हूं, वे अदालत में चले जाते हैं।
कभी कहते हैं 26 हजार की नौकरी खा रहे हैं, कभी 42 हजार की। ममता बनर्जी ने कहा कि हम बंगाल की पहचान को बचाएंगे। बंगाल ही देश की पहचान को बचाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके शासन में गरीबी दर आठ फीसदी तक घट गई है। उन्होंने कहा कि हमारे शासन में, 57.6 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, जो अब 40 फीसदी तक हो गया है। ममता ने गर्व से कहा कि उनकी पार्टी ने लोकसभा में 38 फीसदी चुने हुए प्रतिनिधियों को भेजा है।
उन्होंने इसे पार्टी की सफलता बताया और कहा कि ये प्रतिनिधि उनकी पार्टी की ताकत हैं। ममता ने एजेंसियों के दबाव के बावजूद जनता के समर्थन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चुनाव में एकतरफा एजेंसियों के दुरुपयोग के बावजूद, लोग हमारे साथ खड़े रहे और हमें जीत दिलाई। ममता ने अपने संबोधन की शुरुआत समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को धन्यवाद देते हुए की। उन्होंने कहा कि अखिलेश को धन्यवाद, जो वे बंगाल आए।
दिल्ली की सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। उत्तर प्रदेश में अखिलेश ने खेल दिखाया है। भाजपा को हटाया जाना चाहिए। धर्मतला में ममता के पहुंचने पर भारी उत्साह देखा गया। उनके साथ अखिलेश यादव भी थे, जिनका स्वागत जोश से किया गया। सभा स्थल पर भारी भीड़ उमड़ी थी और ममता ने बारिश के बावजूद अपने संबोधन को जारी रखा। उन्होंने इसे ईश्वर का आशीर्वाद बताया और कहा कि 21 जुलाई को थोड़ी बारिश तो होगी ही। यह शहीदों के आंसू हैं। इस जल से डरें नहीं। ममता बनर्जी का यह संबोधन कई मायनों में महत्वपूर्ण था, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख, भाजपा पर प्रहार और अपनी पार्टी की नीतियों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया।