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बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट और SP ऑफिस आगजनी मामले में 100 गिरफ्तार, जान बचाकर भाग गए थे कलेक्टर और एसपी, होगी कारवाई ?

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट और SP ऑफिस आगजनी मामले में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया हैं। बलौदाबाजार में धारा 144 लागू हैं। पुलिस की शिनाख्त परेड जारी हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में लेकिन शहर में माहौल तनावपूर्ण हैं।

गृहमंत्री की अपील – शहर में पुलिस के आलाधिकारी और अतिरिक्त बल मौके पर तैनात हैं। गृहमंत्री ने स्थानीय नेताओ और रहवासियों के साथ अलसुबह तक बैठक लेकर शांति बनाए रखने की हैं।

जानिए पूरा मामला – बता दे कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के बलौदा बाजार भाटापारा जिले के जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय एवं जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय को 10 जून 2024 को हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने आग के हवाले कर दिया तथा इस घटना में शामिल लोग 17 मई को सतनामी समाज के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गिरोधपुरी धाम की अमर गुफा में हुई सामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ के मामले को लेकर नाराज चल रहे थे।

डिप्टी सीएम ने दिए थे जांच के आदेश- सभी उन असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई नहीं होने से ज्ञापन देने पहुंचे थे, एवं 17 मई की घटना के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने उपरोक्त मामले में आवश्यक संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की पहल भी की थी, किंतु इसके बावजूद सतनामी समाज के लोगों द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होने की बात कहते हुए मौके पर मौजूद एसडीम को ज्ञापन दिया गया।

सबकुछ जलकर खाक – ज्ञापन देने के बाद वहां उपस्थित लोगों ने कलेक्टर एवं एसपी ऑफिस को आग के हवाले कर दिया, जिस पर लगभग 100 कार एवं 200 की संख्या में मोटरसाइकिलो को भी आग के हवाले कर दिया गया। वहीं आग लगने के बाद कलेक्ट्रेट एवं एसपी कार्यालय में मौजूद अधिकारी- कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी मच गई तथा लोग अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकले।

कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल – सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कलेक्टर-एसपी भी वहां से अपनी जान बचाकर भागे। जितनी संख्या में लोग वहां पहुंचे हुए थे और भी बड़ी घटना घटित हो सकती थी। अब बलौदा बाजार की घटना को लेकर छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

सख्त कारवाई के निर्देश – इस मामले में सीएम विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कारवाई के निर्देश दिए हैं। भीड़ पर कारवाई तो ठीक हैं लेकिन देखना होगा कि सरकार कलेक्टर और एसपी पर कारवाई करती हैं या नहीं क्योंकि जब इतनी बड़ी संख्या में लोग वहां इकट्ठा हुए तो पुलिस प्रशासन क्या कर रही थी ?

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