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जेएनयू में वाम गठबंधन का जलवा, प्रियांशी ने रचा इतिहास!
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में वाम गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की है। रविवार देर रात घोषित नतीजों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर वामपंथी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। महासचिव पद पर बापसा की प्रियांशी आर्या ने इतिहास रचते हुए पहली बार यह सीट जीती है।
वाम गठबंधन का दबदबा:
- अध्यक्ष पद पर आइसा के धनंजय ने एबीवीपी के उमेश को 922 वोटों से हराया।
- उपाध्यक्ष पद पर एसएफआई के अवजीत घोष ने एबीवीपी की दीपिका को 927 वोटों से हराया।
- संयुक्त सचिव पद पर एआईएसएफ के साजिद ने एबीवीपी के गोबिंद डांगी को 508 वोटों से हराया।
प्रियांशी ने रचा इतिहास:
- महासचिव पद पर बापसा की प्रियांशी आर्या ने एबीवीपी के अर्जुन आनंद को 926 वोटों से हराया।
- प्रियांशी जेएनयू छात्रसंघ चुनाव इतिहास में महासचिव पद जीतने वाली पहली बापसा उम्मीदवार हैं।
- वह उत्तराखंड के हल्द्वानी की रहने वाली हैं।
एबीवीपी का प्रदर्शन:
- एबीवीपी ने भले ही सेंट्रल पैनल की चारों सीटें हार गईं, लेकिन स्कूल काउंसलर के 18 पदों पर जीत हासिल की।
- वोट फीसदी में एबीवीपी सेकेंड रनर अप संगठन बना।
- एबीवीपी ने छह स्कूलों में क्लीन स्वीप किया, जिसमें स्कूल ऑफ संस्कृत एवं इंडिक स्टडीज, स्कूल ऑफ नैनो साइंस, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और स्कूल ऑफ कंप्यूटर सिस्टम एंड साइंसेज शामिल हैं।
हिंदी बेल्ट का दबदबा:
- सेंट्रल पैनल के सभी चारों विजेता हिंदी भाषी राज्यों से हैं।
- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बिहार से, महासचिव उत्तराखंड से और संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश से हैं।
मतदान और रुझान:
- शुक्रवार को हुए मतदान में 73% मतदान हुआ, जो पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक है।
- शुरुआती रुझान एबीवीपी के पक्ष में थे, लेकिन बाद में वाम गठबंधन ने वापसी करते हुए जीत हासिल की।
उत्सव का माहौल:
- जीत के बाद जेएनयू परिसर में उत्सव का माहौल था।
- छात्रों ने लाल झंडे लहराए और लाल सलाम के नारे लगाए।