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एग्जिट पोल के रूझान आने व मतगणना से पहले रायपुर में कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक

रायपुर ।  छत्तीसगढ़ में एग्जिट पोल ने भले ही कांग्रेस को बढ़त दिखाई है मगर सीटों के कम होने से पार्टी के नेता बेहद बेचैन हैं। तीन दिसंबर को परिणाम आएगा, इसके पहले ही कांग्रेस ने प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी तेज कर दी है। एग्जिट पोल में कांग्रेस को औसतन 40 से 55 तक सीटें मिलती दिख रही है, जबकि कांग्रेस अब भी 75 पार का दावा कर रही है। वहीं, भाजपा को भी रुझान के मुताबिक 35 से 46 सीटें मिल सकती हैं। सत्ता के लिए 46 सीटें चाहिए। ऐसे में दोनों ही पार्टियां 30-35 सीटों को फंसा हुआ मानकर चल रही हैं। इन सीटों के नतीजे निर्णायक होंगे। एग्जिट पोल के रूझान आने व मतगणना से पहले रायपुर में कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, डा.चरणदास महंत, ताम्रध्वज साहू, डा. शिव डहरिया अन्य नेताओं ने देर रात तक मंथन किया।

सूत्रों के अनुसार, नेताओं ने नए विधायकों को हार्स ट्रेडिंग से बचाने की रणनीति पर भी चर्चा की। इसमें तय किया गया है कि प्रत्याशी व एजेंट मतगणना के दौरान हर राउंड पर निगरानी बनाए रखेंगे। चुनाव परिणाम घोषित होने तक एआरओ और एजेंट के साथ प्रत्याशियों को डटे रहना है। जीत का प्रमाण पत्र पाते ही रायपुर बुलाया गया है। बताया जाता है कि जीते प्रत्याशियों को कांग्रेस कर्नाटक ले जाने की तैयारी में है। इसके लिए 72 सीटर चार्टर्ड प्लेन भी बुक कर लिया गया है। संभव यह भी है कि सरकार बनाने के लिए दोनों पार्टियों को किसी और का मुंह देखना पड़े। इस स्थिति से निपटने के लिए नेताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है। यदि कांग्रेस के दावे के मुताबिक परिणाम आए तो फिर बाड़ेबंदी करने की बजाय मुख्यमंत्री चुनाव व शपथ ग्रहण को लेकर कवायद शुरू की जाएगी। हालांकि मीडिया से चर्चा के दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि एग्जिट पोल से भी अधिक सीटें कांग्रेस को मिलेगी।

पिछली बार इतनी मिलीं थी पार्टियों को सीटें

बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 68 मिली थी, जबकि भाजपा को 15 सीट मिली थी। अन्य में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) को पांच और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीटें मिली थीं।

मोदी-शाह-योगी और राहुल-प्रियंका-खरगे का दिखेगा असर

प्रदेश में 35 दिनों में हुई 106 सभाओं का चुनाव में कितना असर होगा, इसका फैसला मतगणना के बाद हो पाएगा। इन सभाओं में प्रधानमंत्री से लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के कई केंद्रीय नेता शामिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, समेत गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाल रखा था। अब देखना है कि इनकी रैली व सभा का कितना असर होता है।

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