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हॉलमार्क के पंजीयन के बिना ही कर रहे हजारों सराफा कारोबारी जेवर बेचने का अवैध कारोबार

रायपुर . प्रदेश के हजारों सराफा कारोबारी हॉलमार्क का पंजीयन कराए बिना ही पिछले 8 माह से खुले आम जेवर बेचने का अवैध कारोबार कर रहे हैं। आठ माह बाद भी दस हजार कारोबारियों में से महज 23 सौ ने ही अब तक पंजीयन कराया है। ज्यादातर बड़े कारोबारियों ने तो पंजीयन करा लिया है, लेकिन छोटे कारोबारी जिनका कारोबार 50 लाख से कम है, और जो जीएसटी के दायरे में भी नहीं आते हैं, वाे पंजीयन कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जबकि एक अप्रैल से हर तरह की सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्क जरूरी कर दिया गया है। सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारी भी लगातार पंजीयन कराने कह रहे हैं, पर इसके बाद भी पंजीयन नहीं कराया जा रहा है।
यह तय है जिन कारोबारियों ने पंजीयन नहीं कराया है, वे जेवर और सोना नहीं बेच सकते हैं। पंजीयन कराने का कोई शुल्क न होने के बाद भी जेवर बेचने वाले कारोबारी इस उम्मीद में पंजीयन कराने से बचते रहे हैं कि सरकार शायद जल्द ही जेवर बेचने वाले कारोबारियों के लिए पंजीयन की अनिवार्यता समाप्त कर देगी। इसके लिए केंद्रीय मंत्री को पत्र भी लिखा गया था। केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है, ऐसे में तय है कि देर सवेर सभी कारोबारियों को पंजीयन कराना होगा। कारोबारी भी जानते हैं कि पंजीयन न कराने वाले कारोबारी परेशानी में पड़ेंगे, इसके बाद भी पंजीयन नहीं कराया जा रहा है।
75 फीसदी का पंजीयन नहीं
जेवर बेचने वालों के लिए भी हॉलमार्क में पंजीयन कराना जरूरी होने के बाद भी अपने राज्य में 75 फीसदी ने अपना पंजीयन कराया ही नहीं है। प्रदेश में दस हजार सराफा कारोबारी हैं जो सोने के जेवर बेचने का काम करते हैं। राजधानी रायपुर में ही दो हजार से ज्यादा कारोबारी हैं। रायपुर सराफा एसोसिएशन के 602 सदस्य हैं। इसमें से ज्यादातर ने पंजीयन करा लिया है, लेकिन इसके अलावा भी छोटे मोहल्लों और कालोनियों में कई ज्वेलर्स ऐसे हैं जो एसोसिएशन के सदस्य नहीं हैं और अपना कारोबार करते हैं, वे पंजीयन कराने में गंभीर नहीं है। इसी तरह की स्थिति पूरे राज्य में है। हॉलमार्क के प्रदेश में चार जिलों में दस सेंटर हैं। राजधानी रायपुर में छह, दुर्ग में दो और राजनांदगांव और बिलासपुर में एक-एक सेंटर है। इन सेंटर के सौ किलोमीटर के दायरे में आने वाले सराफा कारोबारी अपना पंजीयन करा सकते हैं।
अवैध कारोबार की आशंका
प्रदेश में पंजीयन न कराने वाले कारोबारियों द्वारा अवैध कारोबार किए जाने की आशंका से सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारी भी इनकार नहीं करते हैं। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश भंसाली का कहना है कि कारोबारी पंजीयन कराने गंभीर नहीं है, यह बात ठीक नहीं है। उनको पंजीयन कराना चाहिए। वे भी मानते हैं कि संभव है कि पंजीयन के बिना भी कारोबारी कारोबार कर रहे होंगे। हॉलमार्क से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि देर सवेर बिना पंजीयन वाले कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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