रायपुर(realtimes) प्रदेश में लगने वाले स्मार्ट मीटरों को लेकर दो टेंडर तो पहले ही फाइनल हो चुके हैं, लेकिन 16 साै करोड़ के एक टेंडर का रेट बीड अधूरे दस्तावेजों के कारण दो माह से उलझा हुआ है। इस टेंडर की तिथि आधा दर्जन बार बढ़ाने के बाद अडाणी के अलावा दो और कंपनियां तकनीकी बीड में सामने आई हैं। इसमें अडाणी के आलावा जीनस पॉवर और टेक्नो इलेक्ट्रो इंजीनियरिंग दिल्ली की कंपनी के दस्तावेजों को खंगालने का काम पॉवर कंपनी कर रही है। जिनके दस्तावेज कम है उनको मंगाया जा रहा है। सारे दस्तावेज आने के बाद देखा जाएगा कौन-कौन सी कंपनी पात्र है। इसके बाद पात्र कंपनियों का रेट बीड इस माह के अंत तक खुलने की संभावना है। इस टेंडर के फाइनल होते ही पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगने का रास्ता साफ हो जाएगा।
पॉवर कंपनी ने चार हजार करोड़ का काम होने के कारण तीन हिस्सों में टेंडर किया था। रायपुर संभाग बड़ा होने के कारण उसे अलग संभाग रखा गया और इसका टेंडर 16 सौ करोड़ का किया गया। इसका काम टाटा को मिल गया है। बिलासपुर-अंबिकापुर संभाग का काम जीनस कंपनी को मिला है। इसके बाद दुर्ग संभाग के साथ बस्तर संभाग और पावर कंपनी के राजनांदगांव संभाग को मिलाया गया। इसका टेंडर भी 16 सौ करोड़ का किया गया था। इसमें एकमात्र अडाणी निविदा होने के कारण इसका टेंडर रद्द कर दिया गया। इसका री-टेंडर किया गया, लेकिन इस बार भी इसमें अडाणी के अलावा किसी दूसरी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई है। तय तिथि 10 मई तक महज अडाणी की ही निविदा होने के कारण पहले इसकी तिथि 25 मई की गई, लेकिन इसके बाद भी और कोई निविदा नहीं आने पर फिर से इसकी तिथि बढ़ाकर 9 जून की गई, लेकिन फिर भी कोई और कंपनी नहीं आई है तो इसकी तिथि फिर बढ़ाई गई। इसी तरह से लगातार तिथि बढ़ती गई। छह बार तिथि बढ़ाने के बाद अगस्त इसका तकनीकी बीड खोला गया। लेकिन रेट बीड करीब दाे माह से फंसा हुआ है।
गुढ़ियारी में बनेगा कंट्रोल रूम
तीनों हिस्सों का टेंडर फाइनल होने के बाद स्मार्ट मीटर लगाने का काम प्रारंभ होगा। लेकिन इसके पहले गुढ़ियारी में इसके लिए कंट्रोल रूम बनेगा। इसके लिए स्थान तय कर दिया गया है। इसको बनाने का काम पॉवर कंपनी कर रही है। स्थान बनाकर कंपनियों को कंट्रोल रूम बनाने सौंपा जाएगा। कंट्रोल रूम बनने के बाद ही मीटर लगेंगे। सभी कंपनियों का कंट्रोल रूम रायपुर में ही बनेगा।