
रायपुर(realtimes) इतिहास में पहली बार 2015 के बाद देश के कई राज्यों के साथ अपने राज्य छत्तीसगढ़ में भी राहर दाल ने चिल्हर में कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। अब ताे पहली बार कीमत का दोहरा शतक लग गया है। जब राहर दाल ने दोहरा शतक लगाने का काम किया है तो उसकी साथी बाकी दालें कहां पीछे रहने वाली हैं। इस समय हर दाल ने भी कीमत का शतक लगा लिया है। यही नहीं पहली बार मटर ने भी चिल्हर में कीमत का शतक लगाने का काम किया है। देशी चना भी शतक की राह पर है। इसका भी शतक पूरा होने में समय नहीं लगेगा, क्योंकि इसकी कीमत चिल्हर में 90 रुपए हो गई है।
महंगाई है कि आम आदमी का पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रही है। इस महंगाई के पीछे इस समय सबसे बड़ा कारण कारोबारियों का देश भर में चल रहा बड़ा सिंडीकेट है। कारोबारी सिंडीकेट बनाकर एक-एक सामान को टारगेट बनाकर कीमत बढ़ाने का काम कर रहे हैं। एक सामान की कीमत को आसमान पर पहुंचाने के बाद जब लोग उसके बारे में भूलने लगते हैं तो दूसरे सामान को पकड़ा जाता है। यही सब लंबे समय से हो रहा है। जो जीरा कभी दो सौ रुपए किलो से ज्यादा नहीं बिका, वह एक समय आठ सौ रुपए किलो तक चला गया था। इस समय भी इसकी कीमत सात सौ के पार है। यही हाल कई मसालों के साथ किचन के हर सामान का है। कुल मिलाकर जमकर मुनाफाखोरी हो रही है।
राहल दाल का उत्पादन घटा
देश में पिछले कुछ सालों से लगातार राहर दाल का उत्पादन कम होते जा रहा है। तीन साल पहले 2021 में राहर दाल का उत्पादन 42 लाख टन था। यह पिछले साल घटकर 34 लाख टन हो गया। इस साल इसका उत्पादन 29.5 लाख टन हो गया है। इस बार फसल के सीजन में बेमौसम बारिश के कारण भी फसल खराब हुई है। कीमत में इजाफा होने का एक कारण यह जरूर है, लेकिन इससे ज्यादा मुनाफाखोरी के कारण कीमत में लगातार इजाफा किया जा रहा है।
8 माह में राहर दाल दाल की कीमत डबल
इस साल के प्रारंभ में राहर दाल की कीमत सौ रुपए थी, जो आठ माह में अब डबल होकर दाे सौ रुपए हो गई है। राहर दाल की फरवरी से लगातार कीमत बढ़ रही है। इस समय चिल्हर में अच्छी दाल 190 से 200 रुपए और थोक में 180 रुपए है। थोड़ी कम क्वालिटी की राहर दाल थोक में 170 और चिल्हर में 180 रुपए है। अन्य दालों की बात करें तो चना दाल ही इस समय सौ रुपए से कम है, लेकिन आने वाले समय में इसकी कीमत भी चिल्हर में सौ रुपए तक जा सकती है। इस समय थोक में चना दाल 80 रुपए और चिल्हर में 90 रुपए है। मूंग दाल छिलके वाली थोक में 110 और चिल्हर में 120 रुपए, मूंग दाल धुली थोक में 115 से 120 और चिल्हर में 125 से 130, उड़द दाल सादा थोक में 110 चिल्हर में 120, उड़द धुली थोक में 115, चिल्हर में 130 रुपए किलो है।
मटर की कीमत 50 से सीधे 100
मटर की कीमत हमेशा कम रहती थी। हरा मटर थोक में 40 और चिल्हर में 50 रुपए किलो रहता था। इसकी कीमत चिल्हर में कभी 60 रुपए से ज्यादा नहीं गई। लेकिन अब थोक में इसकी कीमत 80 से 85 रुपए और चिल्हर में सौ रुपए हो गई है। सफेद मटर की कीमत भी आसमान पर चली गई है। इसकी कीमत थोक में 65 से 70 और चिल्हर में 80 रुपए हो गई है। देशी चना भी इस समय भाव खा रहा है। जो चना थोक में 40 से 45 रुपए और चिल्हर में 50 से 55 रुपए किलो बिकता था, वह इस समय थोक में 70 से 75 और चिल्हर में 80 से 90 रुपए किलो हो गया है। काबुली चना की कीमत भी लगातार बढ़ रही है। इस समय थोक में यह 160 और चिल्हर में 180 रुपए किलो हो गया है। इसके भी आने वाले समय में दो सौ रुपए किलो होने की संभावना है।