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अब की बार सीमेंट और सरिया में चुनावी महंगाई

रायपुर(realtimes) देश के पांच राज्यों में जहां इस साल विधानसभा के चुनाव हाेने हैं, वहां अगले साल लोकसभा का चुनाव हाेगा। ऐसे में अब चुनावी महंगाई भी अपने पैर पसारने लगी है। यही वजह है कि प्रदेश में मानसून के कारण निर्माण कार्यों पर लगभग विराम लगने के बाद भी एक बार फिर से सीमेंट कंपनियां बेलगाम हाे गई हैं। इस समय इतिहास में पहली बार सीमेंट की कीमत साढ़े तीन सौ रुपए से पार होकर चिल्हर में 370 रुपए हो गई है। कंपनियों ने इस माह 35 रुपए कीमत बढ़ा दी है। पिछले माह के अंत में ही 20 रुपए कीमत बढ़ाई गई थी। दस दिनों में कीमत में 55 रुपए का इजाफा हो चुका है। कीमत में 30 रुपए का और इजाफा करने की तैयारी है। इधर सरिया एक माह में 13 हजार रुपए महंगा हो गया है।

प्रदेश भर में मानसून के प्रारंभ होने के बाद सरकारी के साथ निजी कामों की रफ्तार लगभग बंद जैसी है। जहां सरकारी कामों में जो जरूरी काम हैं वही चल रहे हैं, वहीं निजी कामों में बिल्डरों की योजनाओं में आवासों के अंदर के ही काम हो रहे हैं। जो खुद के घरों का निर्माण करा रहे हैं, उनके कामों की रफ्तार भी मंद है। लेकिन इसके बाद भी डिमांड होने की बात कहते हुए सीमेंट और सरिया की कीमत में लगातार इजाफा किया जा रहा है।
सीमेंट थोक में ही 340 रुपए तक
मानसून में डिमांड न होने के बाद भी हमेशा की तरह सीमेंट कंपनियां अपना हर माह का कोटा पूरा करने के लिए लगातार कीमत बढ़ाने की बात करके माल खपाने का काम करती हैं। इस समय ज्यादातर सीमेंट कंपनियों के सीमेंट की कीमत प्लांट से 310 से 340 रुपए है। जहां तक चिल्हर का सवाल है तो चिल्हर में अलग-अलग कंपनियों के सीमेंट की कीमत अलग-अलग है। हल्के सीमेंट की कीमत भी 330 रुपए हो गई है। अच्छी कंपनी का सीमेंट 360 से 370 रुपए में मिल रहा है। दूरी ज्यादा होने पर भाड़ा भी ज्यादा देना पड़ रहा है। सीमेंट कंपनियां अपने डीलरों से कह रही है कि इस माह 8 सितंबर को एक बार फिर से कीमत में 30 रुपए का इजाफा किया जाएगा। बिल्डिंग मटेरियल का काम करने वालों का साफ कहना है इस समय डिमांड नहीं के बराबर है। जिनके यहां रोज दो सौ बोरी बिकती है, उनके यहां मुश्किल से 40 से 50 बोरी ही बिक रही है। लेकिन इसके बाद भी कंपनियां लगातार दाम बढ़ा रही है और माल लेने का दबाव भी बना रही हैं। कंपनियां यह भी कह रही है कि कीमत में तो लगातार इजाफा होगा।
सरिया हो गया 50 से 63 हजारी
जो सरिया इस साल के प्रारंभ में 64 हजार रुपए टन था, वह पिछले माह 49 हजार 500 तक पहुंच गया था। लेकिन इसके बाद से इसकी कीमत में लगातार इजाफा किया जा रहा है। सरिया 52 से 54 फिर 56 और 58 हजार होने के बाद अब 63 हजार रुपए टन हो गया है। यह लोकल सरिया है। लोकल में ब्रांडेड सरिया 66 हजार रुपए टन में बिक रहा है। इसके पीछे का कारण डिमांड को बताया जा रहा है। सरिया के उत्पादकों का कहना है बारिश कम होने के कारण जहां दूसरे राज्यों से डिमांड आ रही है, वहीं अपने राज्य से भी डिमांड आने के कारण कीमत में इजाफा हो रहा है। आने वाले समय में कीमत में और इजाफा होने की बात की जा रही है। लेकिन चिल्हर कारोबारियों का कहना है, डिमांड बहुत कम है।

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