business

खांसी सिरप के परीक्षण के लिए प्राथमिकता दें प्रयोगशालाएं: औषधि महानियंत्रक

नई दिल्ली: औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने राज्य प्रयोगशालाओं को कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों से मिलने वाले नमूनों की जांच प्राथमिकता के साथ करने और जल्द से जल्द परीक्षण रिपोर्ट जारी करने को कहा है। कफ सिरप निर्यातकों के लिए एक जून से निर्यात से पहले अपने उत्पादों का निर्धारित सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराना जरूरी होने के साथ यह निर्देश दिया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि निर्यात किए जाने वाले उत्पाद के नमूने का प्रयोगशाला में परीक्षण का प्रमाण पत्र पेश करने के बाद ही कफ सिरप का निर्यात करने की अनुमति मिलेगी।

नई व्यवस्था 1 जून से लागू हो जाएगी। सरकार ने यह कदम भारत में बने कफ सिरप की गुणवत्ता को लेकर दुनिया भर में उठे सवालों के बाद उठाया है। पिछले साल गाम्बिया और उजबेकिस्तान में कफ सिरप पीने से हुई क्रमश: 66 एवं 18 बच्चों की मौत के लिए भारत-निर्मित कफ सिरप को कथित तौर पर दोषी बताया गया था। डीसीजीआई ने बुधवार को इस संबंध में गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के दवा नियंत्रकों और केंद्रीय प्रयोगशालाओं को पत्र लिखा।

राज्य औषधि नियंत्रकों से अनुरोध
पत्र के अनुसार, राज्य औषधि नियंत्रकों से अनुरोध है कि वे अपने राज्य के स्वामित्व वाली एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं को शीर्ष प्राथमिकता पर निर्यात उद्देश्य के लिए खांसी की दवाई के निर्माताओं से प्राप्त नमूनों का विश्लेषण करने और जल्द से जल्द परीक्षण रिपोर्ट जारी करने के निर्देश दें। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से 17 अरब डॉलर के कफ सिरप निर्यात किए गए थे और यह राशि 2022-23 में बढ़कर 17.6 अरब डॉलर हो गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button