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अडानी  के कारण फिर 16 सौ करोड़ के टेंडर की बढ़ानी पड़ी तिथि, अब 9 जून को खुलेगा

रायपुर(realtimes) अडानी छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी का पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा है। स्मार्ट मीटर योजना से अडानी की कंपनी एक बार के टेंडर में पूरी तरह से बाहर हाे चुकी है, लेकिन एक टेंडर फिर से किए जाने के बाद आकर मामला फिर से अदाणी पर अटक गया है। दुर्ग-बस्तर संभाग के साथ पॉवर कंपनी के राजनांदगांव संभाग को मिलाकर जो एक ग्रुप बनाया गया है, उसका री-टेंडर एकमात्र  अडानी की कंपनी की निविदा के कारण दूसरी बार आगे बढ़ाया गया है। यह टेंडर गुरुवार को खुलना था, लेकिन एक ही टेंडर के कारण इसे अब 9 जून तक बढ़ा दिया गया है। कुछ कंपनियों ने तिथि बढ़ाने का आग्रह किया, ताकि वे निविदा भर सकें। अब संभावना है कि नई तिथि पर टेंडर खुल जाएगा।

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बनाई है। इसके लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को नियम बनाने का काम सौंपा गया है। प्राधिकरण ने तय किया है कि हर वर्ग के उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाएंगे और सारे मीटर पोस्टपेड से बदलकर प्रीपेड हो जाएंगे। ऐसे में राज्य के 20 लाख बीपीएल वर्ग के उपभोक्ताओं के भी मीटर बदले जाएंगे, जबकि इसकी खपत सौ यूनिट से ज्यादा नहीं होती है। प्रदेश सरकार ने इनके मीटर न बदलने का आग्रह केंद्र सरकार से किया था, लेकिन इसको नहीं माना गया।

टाटा को रायपुर का 16 सौ करोड़ का काम

पावर कंपनी ने चार हजार करोड़ का काम होने के कारण तीन हिस्सों में टेंडर किया था। रायपुर संभाग बड़ा होने के कारण उसे अलग संभाग रखा गया और इसका टेंडर 16 सौ करोड़ का किया गया। इसका काम टाटा को मिल गया है। इसके बाद दुर्ग संभाग के साथ बस्तर संभाग और पॉवर कंपनी के राजनांदगांव संभाग को मिलाया गया। इसका टेंडर भी 16 सौ करोड़ का किया गया था। इसमें रेट बीड एकमात्र अदानी की होने के कारण इसका टेंडर रद्द कर दिया गया। इसका री-टेंडर किया गया, लेकिन इस बार भी इसमें अदानी के अलावा किसी दूसरी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई है। तय तिथि 10 मई तक महज अदानी की ही निविदा होने के कारण पहले इसकी तिथि 25 मई की गई, लेकिन इसके बाद भी और कोई निविदा नहीं आने पर फिर से इसकी तिथि बढ़ा दी गई है।

सरकारी विभागों में पहले लगेंगे

रायपुर के साथ बिलासपुर और अंबिकापुर संभाग का टेंडर फाइनल होने के बाद अब सबसे पहले स्मार्ट मीटर सरकारी विभागों के साथ बड़े व्यापारिक संस्थानों और फिर छोटे व्यापारिक संस्थानों में लगेंगे। इसके बाद घरेलू उपभोक्ताओं का नंबर आएगा। योजना से एक तो एचटी वर्ग के उद्योगों और कृषि पंपों को अलग रखा गया है। एचटी वर्ग में स्मार्ट मीटर लगने से कनेक्शन को कट करना संभव नहीं होगा, इसलिए इन्हें अलग रखा गया है। योजना में सभी मीटर प्रीपेड ही होंगे।

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